दाखिले की रेस में खूब दौड़ी हिन्दी, फिर भी रह गई अंग्रेजी से पीछे

punjabkesari.in Saturday, Sep 19, 2020 - 10:40 AM (IST)

नई दिल्ली (नवोदय टाइम्स): दिल्ली विश्वविद्यालय स्नातक पाठ्यक्रमों में दाखिले की प्रक्रिया में ईसीए (एक्स्ट्रा करिकुलम एक्टिविटी) की सीटें रिजर्व रहती है। कॉलेज अपने हिसाब से ईसीए की सीटें निर्धारित करते है कि ईसीए की किस श्रेण में कितनी सीटें होंगी। इसमें ईसीए में वाद-विवाद (डिबेट) की भी श्रेणी होती है, जिसमें अंग्रेजी और हिन्दी दोनों में वादविवाद की अलग-अलग सीटें निर्धारित होती है। ईसीए दाखिले की दौड़ में हिन्दी ने भी वाद-विवाद में खूब जोर दिखाया मगर अंत में अंग्रेजी ही आगे निकल गई, वो भी चार कदम नहीं सीधा आठ कदम आगे। डीयू स्नातक पाठ्यक्रमों में ईसीए कैटेगरी में वादविवाद श्रेणी में 53 कॉलेज दाखिला दे रहे है। इन कॉलेजों में अंगे्रजी और हिन्दी दोनों तरह से वादविवाद करने वाले छात्रों के लिए सीटें आरक्षित है। 

ज्यादातर कॉलेजों में अंग्रेजी और हिन्दी के लिए बराबर बराबर सीटे हैं। उदाहरण के लिए रामजस में दो सीटें अंग्रेजी डिबेट के लिए आरक्षित है,तो दो सीटें ही हिन्दी डिबेट के लिए। मगर कुछ कॉलेज ऐसे में भी जो अपने यहां केवल अंग्रेजी डिबेट की ही सीट रिजर्व किए हुए हैं। ऐसे 5 कॉलेज हैं,जिनमें हिन्दी डिबेट की सीट नहीं केवल अंग्रेजी की है। इसके अलावा कुछ कॉलेज ऐसे भी हैं,जो हिन्दी से ज्यादा अंग्रेजी में सीटें रिजर्व किए हुए हैं। कुल 53 कॉलेजों में अंग्रेजी डिबेट में 63 सीटों पर दाखिला मिल रहा है,जबकि हिन्दी में 48 कॉलेजों में 55 सीटों पर दाखिला मिल रहा है। इस तरह से वादविवाद से दाखिला प्राप्त करने की इस दौड़ में अंग्रेजी एक दो नहीं सीधा आठ सीटों से हिन्दी से आगे निकल गई है। 

किरोड़ीमल कॉलेज अपवाद 
किरोड़ीमल कॉलेज इस बीच एक अपवाद बना हुआ है। जहां अधिकतर कॉलेज हिन्दी अंग्रेजी में बराबर सीटें दे रहे हैं, तो कुछ अंग्रेजी में ज्यादा दे रहे हैं और कुछ केवल अंग्रेजी में दे रहे हैं। ऐसे में किरोड़ीमल कॉलेज अपने यहां हिन्दी में अंग्रेजी से ज्यादा सीटों पर दाखिला दे रहा है। अंग्रेजी में दो सीटों और हिन्दी में तीन सीट पर दाखिला दे रहा है। 


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Anil dev

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