UNSC में पाक-चीन की फिर किरकिरी, कश्मीर मसले पर मिला करारा जवाब

punjabkesari.in Thursday, Jan 16, 2020 - 01:23 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्कः पाकिस्तान व चीन को  संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में कश्मीर मसले पर एक बार फिर मुंह की खानी पड़ी है। दरअसल चीन ने पाकिस्तान के कहने पर कश्मीर मसले पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में एओबी (एनी अदर बिजनेस) के तहत क क्लोज डोर मीटिंग का प्रस्ताव रखा जिसे नांमंजूर कर दिया गया। इसके लिए 24 दिसंबर, 2019 की तारीख तय की गई थी लेकिन तब मीटिंग नहीं हो पाई। अब फिर UNSC की मीटिंग के दौरान चीन ने कश्मीर मामला उठाया, जिसका स्थायी सदस्यों फ्रांस, अमेरिका, ब्रिटेन और रूस के साथ 10 सदस्यों ने विरोध किया और कहा कि यह मामला यहां उठाने की जरूरत नहीं है।

PunjabKesari

पाकिस्तान का झूठ बेनकाब
इससे पहले भी अगस्त 2019 के बाद कश्मीर पर क्लोज डोर मीटिंग को लेकर की गई पहल कामयाब नहीं हो सकी थी । तब भी कोई सदस्य किसी ने चीन के प्रस्ताव को नहीं माना था। सूत्रों का कहना है कि यूएनएससी के अन्य सभी 14 सदस्यों का मानना ​​है कि यह कोई ऐसा मामला नहीं था, जिसके लिए चर्चा की जरूरत है। संयुक्त राष्ट्र में भारतीय दूत सैयद अकबरुद्दीन ने कहा, 'हमें खुशी है कि संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के प्रतिनिधियों की ओर से कश्मीर पर लगाए गए बेबुनियाद आरोपों की असलीयत सामने आ गई।पाकिस्तान अपने मंसूबों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कामयाब करने के लिए चीन का इस्तेमाल करता है। पाकिस्तान अपने यहां के हालात को छिपाने के लिए झूठ फैलाता है।'

PunjabKesari

फ्रांस ने ठुकराया चीन का प्रस्ताव
यूएनएससी में चीन के प्रस्ताव पर फ्रांसीसी राजनयिक सूत्रों ने कहा, 'फ्रांस ने एक बार फिर कश्मीर मुद्दे को उठाने के लिए UNSC सदस्य (चीन) के अनुरोध को नोट किया है. फ्रांस की स्थिति नहीं बदली है और बहुत स्पष्ट है कि कश्मीर मुद्दे का हल भारत और पाकिस्तान को द्विपक्षीय बातचीत से सुलझाया जाना चाहिए।'

PunjabKesari

ब्रिटेन- अमेरिका ने कश्मीर मसले को बताया द्विपक्षीय
कश्मीर मुद्दे पर ब्रिटेन ने कहा कि यह द्विपक्षीय मसला है और इसका संयुक्त राष्ट्र से कोई लेना-देना नहीं है। ब्रिटेन की तरह अमेरिका ने भी कहा कि यह मामला यूएनएससी का नहीं है।भारतीय राजदूत अकबरुद्दीन ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में हालात सामान्य करने के लिए भारत सरकार की ओर से प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन पाकिस्तान गड़बड़ी करने की कोशिश कर रहा है। सैयद अकबरुद्दीन ने कहा, 'हमें खुशी है कि चीन के प्रयास को एक व्याकुलता के रूप में देखा गया और भारत के कई दोस्त देशों ने कहा कि यह मामला द्विपक्षीय है और इसको यूएनएससी के सामने उठाने की जरूरत नहीं है. पाकिस्तान को भारत से बातचीत करके मामले का हल ढूंढना चाहिए।'

PunjabKesari

एस्टोनिया भी भारत के साथ
फ्रांस, ब्रिटेन और अमेरिका के अलावा यूएनएससी के एक और सदस्य ने कश्मीर मसले को द्विपक्षीय बता। . नई दिल्ली में एक कार्यक्रम में एस्टोनियाई विदेश मंत्री उरमास रिंसलू ने कहा कि यह एक द्विपक्षीय मुद्दा है। बता दें कि पाकिस्तान की अपील पर चीन ने यूएनएससी के सामने कश्मीर का मसला उस वक्त उठाया, जब भारत ने 15 देशों के राजनयिकों को जम्मू-कश्मीर का दौरा कराया।भारत ने हाल में ही जम्मू-कश्मीर में ब्रॉडबैंड और 2जी सेवाओं में रियायत दी है। इसके साथ ही कुछ राजनीतिक बंदियों की रिहाई की गई है।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Tanuja

Recommended News

Related News