Russia-Ukraine war: ''यूक्रेनी सैनिकों ने हमें कठपुतली की तरह इस्तेमाल किया'', इंदौर पहुंची छात्रा ने सुनाई आपबीती

punjabkesari.in Wednesday, Mar 02, 2022 - 08:30 PM (IST)

नेशनल डेस्क: रूसी हमले के बाद युद्धग्रस्त यूक्रेन से बचकर स्वदेश पहुंची एक भारतीय छात्रा ने बुधवार को आपबीती सुनाई कि पोलैंड में दाखिल होने की अनुमति देने से पहले यूक्रेनी सैनिकों ने बेहद अजीब बर्ताव करके उस जैसे कई मेडिकल विद्यार्थियों को मानसिक रूप से परेशान किया। छात्रा के मुताबिक जान बचाकर भारत लौटने की जद्दोजहद में जुटे इन विद्यार्थियों को यूक्रेनी सैनिकों ने ‘‘कठपुतली की तरह'' इस्तेमाल करते हुए कभी हंसने, तो कभी ताली बजाने को कहा। यह छात्रा यूक्रेन के टर्नोपिल राष्ट्रीय चिकित्सा विश्वविद्यालय में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही है।

उसने इंदौर के देवी अहिल्याबाई होलकर हवाई अड्डे पर संवाददाताओं को बताया,‘‘टर्नोपिल शहर से पोलैंड की सरहद तक पहुंचने के लिए हम 50-60 मेडिकल विद्यार्थियों ने 26 फरवरी को किराये की बस का इंतजाम किया। लेकिन रास्ते में भारी यातायात जाम और अफरा-तफरी के कारण हमें इस सरहद से 45 किलोमीटर पहले ही बस से उतार दिया गया।'' छात्रा ने बताया कि हड्डियां कंपा देने वाली ठंड झेलते हुए मेडिकल विद्यार्थी पैदल चलकर पोलैंड सरहद के पास पहुंचे लेकिन वहां तैनात यूक्रेनी सैनिकों ने उन्हें सीमा चौकी पार करने की तुरंत अनुमति नहीं दी।

कठपुतली की तरह इस्तेमाल किया
छात्रा ने याद करते हुए कहा, ‘‘यूक्रेनी सैनिक हमें कठपुतली की तरह इस्तेमाल करते हुए कभी खड़ा होने, तो कभी बैठने को कह रहे थे। उन्होंने हमें ताली बजाने और हंसने को भी कहा।'' उन्होंने हालांकि बताया कि बाद में छात्राओं को तरजीह देते हुए मेडिकल विद्यार्थियों को पोलैंड की सीमा में दाखिल होने की अनुमति प्रदान कर दी गई जिसके बाद वे भारत सरकार के ‘‘ऑपरेशन गंगा'' के तहत स्वदेश लौटे।

'हम भारत नहीं आ सकते थे'
यूक्रेन से पोलैंड होते हुए भारत लौटने वाली एक अन्य मेडिकल छात्रा ने बताया,‘‘युद्ध की आशंका को देखते हुए भारत सरकार ने परामर्श जारी कर हमें स्वदेश लौटने को कहा था। लेकिन यूक्रेन में हमारे विश्वविद्यालय में तब अहम पढ़ाई चल रही थी और विश्वविद्यालय की अनुमति के बिना हम भारत नहीं आ सकते थे।'' अधिकारियों ने बताया कि दोनों छात्राओं समेत यूक्रेन में पढ़ रहे छह मेडिकल विद्यार्थी स्वदेश वापसी के बाद इंदौर पहुंचे।

'परिजनों से लिपटकर भावुक हुए छात्र'
उन्होंने बताया कि ये विद्यार्थी इंदौर, उज्जैन और झाबुआ जिलों के रहने वाले हैं। चश्मदीदों ने बताया कि इंदौर के हवाई अड्डे से बाहर निकलते ही इनमें से कुछ विद्यार्थी अपने परिजनों से लिपटकर भावुक हो गए। "भारत माता की जय" और "वंदे मातरम" के नारों के बीच इंदौर के सांसद शंकर लालवानी और उज्जैन के सांसद अनिल फिरोजिया ने गुलदस्ते भेंट कर इन विद्यार्थियों का स्वागत किया। 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Editor

rajesh kumar

Recommended News

Related News