लुधियाना ब्लास्ट के दो दिन बाद बोले पीएम मोदी- देश पर आंच ना आए इसलिए एकजुटता जरूरी

punjabkesari.in Saturday, Dec 25, 2021 - 06:22 PM (IST)

नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुगलों और अंग्रेजों के खिलाफ भारत के संघर्ष में सिख गुरुओं के योगदान को नमन करते हुए शनिवार को कहा कि उन्होंने (सिख गुरुओं ने) जिन खतरों से देश को आगाह किया था वे आज भी मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि देश की एकता पर आंच ना आए इसलिए एकजुटता बहुत अनिवार्य है। सिखों के पहले गुरु, गुरु नानक देव के प्रकाश पर्व के समारोहों के तहत कच्छ स्थित गुरुद्वारा लखपत साहिब में आयोजित एक समारोह को वीडियो कांफ्रेंस से संबोधित करते हुए कहा कि उनकी सरकार का मंत्र ‘‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत'' है और देश की समरसता को बनाए रखने का दायित्व सभी का है।

सिख समुदाय को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री की यह अपील ऐसे समय में आई है जब दो दिन पहले ही पंजाब के लुधियाना जिला अदालत परिसर में एक विस्फोट हुआ, जिसमें एक व्यक्ति की जान चली गई जबकि छह अन्य घायल हो गए। प्रधानमंत्री ने कहा कि ऐसे समय में जब देश अपनी आजादी की 75वीं वर्षगांठ मना रहा है कोई देश की एकजुटता पर आंच ना ला सके, इसके लिए हमारे बीच एकजुटता बहुत अनिवार्य है।

मोदी ने कहा, ‘‘हमारे गुरुओं ने जिन खतरों से देश को आगाह किया था वह आज भी वैसे ही हैं। इसलिए हमें सतर्क भी रहना है और देश की सुरक्षा भी करनी है।'' उन्होंने कहा कि गुरु नानक देव और उनके बाद अलग-अलग सिख गुरुओं ने भारत की चेतना को तो प्रज्वलित रखा, भारत को भी सुरक्षित रखने का मार्ग बनाया। उन्होंने कहा, ‘‘हमारे गुरुओं का योगदान केवल समाज और आध्यात्म तक ही सीमित नहीं है। बल्कि हमारा राष्ट्र, राष्ट्र के चिंतन, राष्ट्र की आस्था और अखंडता अगर आज सुरक्षित है तो उसके भी मूल में सिख गुरुओं की महान तपस्या है।''

पीएम ने कहा, ‘‘जिस तरह गुरु तेगबहादुर मानवता के प्रति अपने विचारों के लिए सदैव अडिग रहे, वह हमें भारत की आत्मा के दर्शन कराता है। जिस तरह देश ने उन्हें ‘हिन्द की चादर' की पदवी दी, वह हमें सिख परंपरा के प्रति हर एक भारतवासी के जुड़ाव को दिखाता है। औरंगजेब के खिलाफ गुरु तेग बहादुर का पराक्रम और उनका बलिदान हमें सिखाता है कि आतंक और मजहबी कट्टरता से देश कैसे लड़ता है। इसी तरह, दशम गुरु गुरुगोबिन्द सिंह साहिब का जीवन भी पग-पग पर तप और बलिदान का एक जीता जागता उदाहरण है।''

‘‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत'' को देश का मंत्र करार देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि एक नए और समर्थ भारत का पुनरोदय आज देश का लक्ष्य और हर गरीब की सेवा तथा हर वंचित को प्राथमिकता सरकार की नीति है। उन्होंने कहा, ‘‘हर प्रयास का... हर योजना का लाभ देश के हर हिस्से को समान रूप से मिल रहा है। इन प्रयासों की सिद्धि भारत की समरसता को मजबूत बनाएगी और गुरु नानक देव की शिक्षाओं को चरितार्थ करेगी।''

प्रधानमंत्री ने कहा कि गुरु नानकदेव का संदेश पूरी दुनिया तक नई ऊर्जा के साथ पहुंचे, इसके लिए हाल के वर्षों में हर स्तर पर प्रयास किए गए। उन्होंने कहा, ‘‘दशकों से जिस करतारपुर साहिब कॉरिडोर की प्रतीक्षा थी, 2019 में हमारी सरकार ने ही उसके निर्माण का काम पूरा किया। अभी 2021 में हम गुरु तेग बहादुर जी के प्रकाश उत्सव का 400 साल मना रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि अभी हाल में अफगानिस्तान से ससम्मान गुरु ग्रंथ साहिब के स्वरूपों को भारत लाया गया और कुछ महीने पहले जब उन्हें अमेरिका जाने का मौका मिला तो वहां से 150 से ज्‍यादा ऐतिहासिक वस्‍तुएं सरकार वापस लाने में सफल हुई। उन्होंने कहा, ‘‘इसमें से एक पेशकब्ज यानी छोटी तलवार भी है, जिस पर फारसी में गुरु हरगोबिंद सिंह जी का नाम लिखा है। यानी यह वापस लाने का सौभाग्य भी हमारी ही सरकार को मिला।''

मोदी ने कहा कि गुजरात के लिए हमेशा से गौरव की बात रही है कि खालसा पंथ की स्थापना में अहम भूमिका निभाने वाले पंज प्यारों में से चौथे गुरसिख, भाई मोकहम सिंह गुजरात के ही थे। उन्होंने कहा कि देवभूमि द्वारका में उनकी स्मृति में गुरुद्वारा बेट द्वारका भाई मोहकम सिंघ का निर्माण हुआ है।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Yaspal

Recommended News

Related News