दिल्ली में काटे चालान को माफ करेगी ट्रैफिक पुलिस! आपका नाम भी हो सकता है शामिल

punjabkesari.in Wednesday, Oct 16, 2019 - 12:36 PM (IST)

नई दिल्ली (संजीव यादव): दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने डेढ़ लाख ई-चालान वापस लेने का फैसला किया है। ये वो चालान हैं जो नेशनल हाइवे संख्या-24 पर अगस्त माह से लेकर 10 अक्तूबर के बीच काटे गए हैं। ट्रैफिक विभाग ने ये संज्ञान एनएचएआई की आपत्ति और परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के भेजे गए पत्र पर लिया है। सूत्रों के मुताबिक इस संबंध में स्पेशल सीपी ट्रैफिक के नेतृत्व में एक बैठक की गई जिसमें बताया गया है कि करीब दो लाख से ज्यादा लोग अक्षरधाम के पास लगे कैमरे द्वारा कटे चालान से परेशान हैं। यही नहीं इस प्रकरण में एनएचएआई को भी ट्रैफिक पुलिस के स्पीडो मीटर कैमरे से आपत्ति है। 

नवोदय टाइम्स के 7 अक्तूबर के अंक में प्रकाशित खबर

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इस संबंध में एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हालांकि इस पर ऑफिशियल ऑर्डर जारी नहीं किए गए हैं, लेकिन इस पर तय किया गया है कि फिलहाल जो बोर्ड 70 किलोमीटर की स्पीड का लगा है और अगर व्यक्ति के चालान 70 की स्पीड से नीचे कटे हैं तो उन्हें वापस लिया जाएगा। अधिकारी ने बताया कि असमंजस की स्थिति को देखते हुए ऐसा किया गया है। आंकड़ों के मुताबिक 8 अगस्त से 10 अक्तूबर के बीच एनएच-24 पर अक्षरधाम के पास लगे स्पीडो मीटर कैमरे से 2 लाख 13 हजार से ज्यादा चालान कटे हैं। इनमें से 80 फीसदी चालान 60 किलोमीटर प्रतिघंटा से 70 किलोमीटर प्रतिघंटा के कटे हैं। जबकि इस मार्ग पर दिल्ली पीडब्ल्यूडी द्वारा एनएचएआई के मानक के तहत 70 किलोमीटर प्रतिघंटा की स्पीड के कई बोर्ड लगे हैं। नतीजतन लोग उस बोर्ड को देखकर स्पीड में चलते है, लेकिन दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के कैमरे 60 से ऊपर स्पीड जाते ही चालान काट रहे हैं, जो कि असमंजस की स्थिति पैदा करता है। 

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ये बड़ा कारण चालान वापस लेने का 

  • एनएचएआई ने दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के स्पीडो कैमरे पर जताई थी आपत्ति।
  • एनएचएआई की दलील मंत्रालय के निर्देशानुसार प्रारंभिक चरण में 70 है, लेकिन इसे 100 किया जाएगा।
  • दलील दी गई कि स्पीड का निर्णय मंत्रालय और सड़क की गुणवत्ता के चलते लिया गया फैसला है।

 

ये बड़ा कारण...

  • ये मार्ग नेशनल हाइवे है इसलिए मार्ग पर दिल्ली टै्रफिक पुलिस को अपनी गाइडलाइन बदलनी होगी।
  • सड़क और परिवहन मंत्रालय ने भी काटे गए चालान पर उठाई थी आपत्ति, दिए थे सुधार के निर्देश।
  • अधिकांश लोग बोर्ड के मानक से चले, चालान कटने पर जुर्माना भरने की जगह पहुंचे कोर्ट।
  • रोजाना ट्रैफिक कार्यालय में लोगों की अधिकारियों से झड़प, उनका क्या दोष, बोर्ड और कैमरे सरकारी, दोनों में से एक सुधारे गलती।
  • जिन्होंने भर दिया है जुर्माना, उनके पास भी कोर्ट है विकल्प।
  • बताया जाता है कि ट्रैफिक पुलिस ने अब तक जितने भी चालान लोगों को भेजे उनमें से 30 फीसदी लोगों ने जुर्माने की राशि 400 रुपए से लेकर 5000 तक भरी, जिससे विभाग को करोड़ों का फायदा हुआ, लेकिन इस प्रकरण में लोग अपने चालान की कापी लेकर कोर्ट के माध्यम से इसे वापस ले सकते हैं। 
     

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vasudha

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