टमाटर ने पेट्रोल को पछाड़ा, दिल्ली-एनसीआर समेत देश के कई हिस्सों में दाम 100 के पार

punjabkesari.in Tuesday, Nov 23, 2021 - 06:11 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः देश में टमाटर की कीमतों ने पेट्रोल को पीछे छोड़ दिया है। दिल्ली-एनसीआर समेत देश के कई हिस्सों में टमाटर के भाव 100 से 120 रुपए प्रति किलोग्राम तक पहुंच गए हैं। टमाटर के सबसे बड़े उत्पादक आंध्र प्रदेश में इसकी कीमत 100 रुपए तक पहुंच गई है। चेन्नई में भी टमाटर की कीमतें चढ़ी हुई हैं और 140 रुपए प्रति किलो के आस-पास बिक रहा है। थोक कारोबारियों के मुताबिक, सर्दियों के मौसम में टमाटर 20 रुपए प्रति किलो के आस-पास रहता था, लेकिन लेकिन आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और तमिलनाडु में असामान्य बारिश के बाद बाढ़ से काफी फसल बर्बाद हो गई है और दाम आसमान छू रहे हैं।

टमाटर ही नहीं प्याज और अन्य हरी सब्जियों के दाम भी तेजी से बढ़े हैं। सब्जियों में इस महंगाई को लेकर विपक्षी दलों ने सरकार पर हमले करने भी शुरू कर दिए हैं। आंध्र प्रदेश टमाटर का सबसे ज्यादा पैदावार करने वाला राज्य है, लेकिन बारिश और बाढ़ के बाद टमाटर के दाम उस राज्य में भी कीमतें तेजी से बढ़ी हैं। बारिश से तो असर पड़ा ही है, साथ ही डीजल की ऊंची कीमतों के कारण भी टमाटर कुछ ज्यादा ही उछला है। 

आंध्र प्रदेश में सामान्यतया टमाटर 58 हजार से ज्यादा हेक्टेयर इलाके में उत्पादन किया जाता है और राज्य में करीब 27 लाख मीट्रिक टन टमाटर का उत्पादन होता है। चित्तूर के मदनपल्ले टमाटर का सबसे बड़ा बाजार माना जाता है। लेकिन इस साल टमाटर का सबसे ज्यादा उत्पादन करने वाले चित्तूर और अनंतपुर जिलों में बाढ़ का कहर फसलों पर देखने को मिला है। 

उत्तर भारत में अभी ज्यादातर आपूर्ति महाराष्ट्र के सोलापुर और कर्नाटक के चिकबुल्लापुर से हो रही है। चेन्नई में टमाटर 140 रुपये किलो तक बिक रहा है। थोक कारोबारियों का कहना है कि आपूर्ति में कमी और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म द्वारा जमाखोरी के कारण कीमतें बढ़ी हैं। यहां स्थानीय स्तर पर उत्पादन बेहद कम है औऱ ज्यादातर आंध्र प्रदेश और कर्नाटक से ही खेप आती है।

कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने सरकार पर तंज कसते हुए कहा है, किचन में टमाटर औऱ प्याज पर धारा 144 लागू कर दी गई है। शिमला मिर्च 100-120 रुपये प्रति किलो है और प्याज 50 रुपये में। खेड़ा ने कहा, डीजल पर टैक्स बढ़ाने और कृषि उपकरणों पर जीएसटी लगाने से उत्पादन लागत बढ़ी है। सरकार को यह सोचना चाहिए कि महीने के अंत में आखिर कितना पैसा आम आदमी के पास बचेगा। उन्होंने कहा कि मुफ्त राशन भी इस माह से बंद हो जाएगा। सरकार ने कोविड के बाद महंगाई पर नियंत्रण के लिए कोई तैयारी नहीं की है।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Yaspal

Recommended News

Related News