टिल्लू और गोगी कभी हुआ करते थे जिगरी दोस्त, जानिए फिर कैसे बन गए जानी दुश्मन?

punjabkesari.in Friday, Sep 24, 2021 - 05:59 PM (IST)

नेशनल डेस्कः दिल्ली की रोहिणी कोर्ट में शुक्रवार को हुए शूटआउट ने पूरी राजधानी को हिलाकर रख दिया। इस घटना में हत्या, अपहरण, फिरौती और पुलिस पर हमला करने के आरोपी जितेंद्र गोगी को वकील के कपड़ों में आए दो हमलावरों ने गोली मार दी। इस घटना में गोगी की घटनास्थल पर ही मौत हो गई और इसके साथ ही उस पर हमला करने वाले दोनों लोगों को भी पुलिस ने ढेर कर दिया। अचानक हुए इस वारदात की बुनियाद काफी पहले रखी जा चुकी थी। जितेंद्र गोगी का खौफ एनसीआर के अलावा हरियाणा में भी था। दिल्ली के अलीपुर के रहने वाले इस बदमाश पर दोनों जगह हत्या और लूट के कई मामले दर्ज थे। गोगी को पुलिस ने पिछले साल गुरुग्राम से काबू किया था, तब उस पर आठ लाख रुपये का इनाम था।

पुलिस के अनुसार, गोगी कई बड़ी वारदातों में भी शामिल रह चुका है। नरेला में आम आदमी पार्टी के नेता वीरेंद्र मान को गोगी गैंग के लोगों ने 26 गोलियां मारी थीं। 2018 में दिल्ली के बुराड़ी में टिल्लू गैंग से गैंगवार में 3 लोगों की हत्या हुई और 5 लोग घायल हुए थे। इस वारदात में भी गोगी गैंग का ही नाम सामने आया था।

जितेंद्र उर्फ गोगी का जन्म साल 1991 में दिल्ली के गांव अलीपुर में हुआ था। उनके पिता मेहर सिंह एक निजी ठेकेदार थे। श्रद्धानंद कॉलेज में पढ़ाई के दौरान वह कॉलेज के कुछ नेताओं के संपर्क में आया और कॉलेज के चुनाव में हिस्सा लिया। चुनाव के दौरान जितेंद्र की सामने खड़े पैनल के उम्मदिवारों से लड़ाई हो गयी उन्हें टिल्लू गैंग सपोर्ट कर रहा था। जितेंद्र गोगी ने अपने साथियों रवि भारद्वाज, बंटी, अरुण, कमांडो, दीपक, मोनू, कुणाल मान और सुनील मान के साथ संदीप और रविंदर पर गोलियां चलाई, ये दोनों टिल्लू तजपुरिया के करीबी थे। बस यहीं से टिल्लू और गोगी की दुश्मनी शुरू हो गयी।

सूत्रों के मुताबिक, कहा ये भी जाता है कि अरुण उर्फ कमांडो भी श्रद्धानंद कॉलेज में पढ़ता था और छात्र संघ के चुनाव के दौरान अलीपुर के एक छात्र का समर्थन कर रहा था। उक्त प्रत्याशी का समर्थन गैंगस्टर जितेंद्र उर्फ गोगी भी उसी गांव का रहने वाला है, वो भी कर रहा था। दूसरी ओर, एक अन्य छात्र, टिल्लू गैंगस्टर का चचेरा भाई सुनील टिल्लू निवासी ग्राम ताजपुर भी विपरीत पक्ष से एक उम्मीदवार था। सुनील उर्फ ​टिल्लू के गुट  के सदस्यों ने किन्हीं कारणों से इलेक्शन के दौरान अरुण उर्फ कमांडो को पीट दिया। जितेन्द्र उर्फ​गोगी गुट के प्रत्याशी ने उस चुनाव से नाम वापस ले लिया और सुनील उर्फ टिल्लू के समूह के प्रत्याशी ने वह चुनाव  जीत लिया। लेकिन उस घटना ने दोनों के बीच रंजिश को जन्म दे दिया। जिसके बाद जितेंद्र गोगी गैंग ने टिल्लू गैंग के दो लोगों संदीप और रविन्द्र मर्डर किया था।

इस दुश्मनी की एक दूसरी वजह भी है। सूत्रों के मुताबिक, दीपक उर्फ राजू जोकि टिल्लू ताजपुरिया का बेहद करीबी था और उसी गांव का रहने वाला था। वो जितेंद्र गोगी की रिश्ते की बहन के साथ अफेयर चला रहा था, दोनों आपस में चोरी छुपे मिलते भी थे, जिसके बाद दीपक ने खुद को जितेंद्र गोगी का जीजा बोलना शुरू कर दिया था। वह खुद को पूरे अलीपुर गांव का दामाद बोलता था। इस बात से भी जितेंद्र गोगी काफी गुस्से में था और 1 दिन मौका पाकर उसने महिंद्रा पार्क इलाके में दीपक का सरेआम कत्ल कर दिया। इस मामले में बाद चार लोगों को योगेश उर्फ टुंडा, कुलदीप उर्फ फज्जा, दिनेश और रोहित को गिरफ्तार किया गया है और आरोपी जरनैल उर्फ जेल को स्पेशल सेल द्वारा गिरफ्तार किया गया है। बाद में आरोपी जितेंद्र उर्फ गोगी को 03.03.16 को पानीपत पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया, लेकिन जुलाई 2016 के महीने में वह बहादुरगढ़ क्षेत्र में न्यायिक हिरासत से फरार हो गया।

हरियाणवी गायिका की हत्या कर गोगी आया चर्चा में
अक्तूबर 2017 में सोनीपत के गांव नाहरा-नाहरी निवासी हरियाणवी गायिका एवं डांसर हर्षिता दहिया (23) स्वतंत्र नगर नरेला, दिल्ली की चमराड़ा व काकोदा के बीच गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। वह एक कार्यक्रम से अपनी आई-10 कार में अपने ड्राइवर और दो अन्य सहयोगियों के साथ वापस जा रही थी। कार जैसे ही चमराड़ा गांव से काकोदा की तरफ चली तो पीछे से काले रंग की फोर्ड फिगो गाड़ी आई और उनकी गाड़ी के आगे अड़ा दी।


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Content Writer

Yaspal

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