अनोखी पहल: जन्मदिन पर अस्पतालों के बाहर मरीजों के रिश्तेदारों को फ्री खाना खिला रहे ये लोग

punjabkesari.in Sunday, Apr 04, 2021 - 04:29 PM (IST)

नेशनल डेस्क: पेशे से वकील निखिल बंसल हर साल अपना जन्मदिन अनाथालयों में जाकर मनाते आए हैं, मगर अपनी पत्नी तृप्ति के जन्मदिन पर उन्होंने दिल्ली के दो बड़े अस्पतालों के बाहर एक स्वयंसेवी संस्था के साथ मिलकर मरीजों के करीब 500 तीमारदारों को एक वक्त का भोजन कराया। दिल्ली में इलाज की बेहतर सुविधाएं होने के चलते अन्य राज्यों से गरीब लोग अपना या अपने रिश्तेदारों का इलाज कराने यहां आते हैं, लेकिन परदेस में होने के चलते उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है, खासकर भोजन संबंधी परेशानी से दो-चार होना पड़ता है। इसी के मद्देनजर ‘आओ साथ चलें' संस्था ने अस्पतालों में मरीजों के सहायकों को खाना खिलाकर जन्मदिन मनाने का अभियान "प्रसादम" राष्ट्रीय राजधानी के दो अस्पतालों- राम मनोहर लोहिया (RML) और लेडी हार्डिंग अस्पताल के बाहर शुरू किया है। दिल्ली में करीब एक महीने पहले शुरू किए गए इस कार्यक्रम के तहत अब तक मरीजों के करीब नौ हजार तीमारदारों को नि:शुल्क खाना मुहैया कराया गया है।

 

दिल्ली प्रदेश भाजपा के कोषाध्यक्ष और ‘आओ साथ चलें' के राष्ट्रीय संयोजक विष्णु मित्तल ने कहा कि ‘प्रसादम' की खास बात यह है कि हर दिन खाने पर आने वाले खर्च को वह व्यक्ति वहन करता है जिसका उस दिन जन्मदिन होता है। मरीजों को तो अस्पतालों से खाना मिल जाता है, लेकिन उनके तीमारदारों को खाना नहीं मिल पाता है। 50 साल की सुशीला ने बताया कि उनके पति पहाड़गंज में लकड़ी की एक दुकान पर काम करते थे जहां उनके साथ उनका बेटा भी काम करता था, लेकिन गंभीर रूप से बीमार होने की वजह से पिछले 15 दिन से उनके पति लेडी हार्डिंग अस्पताल में भर्ती हैं, और उनकी तीमारदारी की वजह से उनके बेटे का काम भी छूट गया है। उन्होंने कहा कि हम दोनों पूरे दिन यहीं रहते हैं। अब हमारे पास पैसा नहीं है और दवाइयां भी लानी होती हैं तथा घर पर भी खाना बनाने वाला कोई नहीं है। ऐसे में यहां (‘प्रसादम' के जरिए) खाना मिल जाता है। इससे बहुत राहत मिलती है।

 

जयपुर में टाइल लगाने का काम करनेवाले 55 वर्षीय गोपाल ने बताया कि उनके 15 महीने के नवासे को सांस लेने में दिक्कत है और इस कारण उसे यहां आरएमएल अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उन्होंने कहा कि 17 दिन से यहां हैं और अनजान शहर होने की वजह से भोजन संबंधी दिक्कत हो रही थी। शुरू में तो ब्रेड खाकर गुजारा करना पड़ा। लेकिन अब ‘प्रसादम' कार्यक्रम की तरफ से दोपहर का भोजन मिल जाता है। बसंल ने कहा कि 1 अप्रैल को उनकी पत्नी तृप्ति का जन्मदिन था तो उन्होंने संस्था के साथ मिलकर RML और लेडी हार्डिंग अस्पताल के मरीजों के करीब 500 तीमारदारों को नि:शुल्क भोजन उपलब्ध कराया। दिल्ली में ‘प्रसादम' के शुरू होने के बाद मैंने सोचा हुआ था कि अब जब भी परिवार में किसी का जन्मदिन आएगा, तो मैं मरीजों के गरीब तीमारदारों के लिए एक वक्त के खाने का खर्च उठाऊंगा।” उन्होंने कहा कि हम अपने ऊपर रोज ही पैसा खर्च करते हैं, एक दिन गरीबों पर पैसा पर खर्च कर देंगे तो क्या चला जाएगा। वैसे भी गरीबों को खाना खिलाना पुण्य का काम होता है।

 

बंसल ने कहा कि उन्होंने गरीबों के साथ इस स्तर पर पहली बार अपने परिवार में किसी का जन्मदिन मनाया है। हर साल वह छोटे अनाथालयों में जाकर वहां अपना या अपने परिवार के सदस्यों के जन्मदिन मनाते थे।” संस्था के स्वयंसेवक सुनिश्चित करते हैं कि खाना जरूरतमंद को ही मिले, इसके लिए वे पहले ही वार्ड में जाकर तीमारदारों को टोकन वितरित कर देते हैं, जिसके आधार पर उन्हें भोजन मिलता है। RML अस्पताल के बाहर 4 मार्च को यह पहल शुरू की गई थी जबकि 25 मार्च से लेडी हार्डिंग अस्पताल के बाहर यह कार्यक्रम शुरू किया गया है। मित्तल के अनुसार, संस्था में 450 सदस्य हैं और हर दिन एक व्यक्ति अपने जन्मदिन के मौके पर खाने का खर्च उठाता है। राजस्थान के कोटपूतली में एक अस्पताल के बाहर भी इसी तरह का कार्यक्रम दो साल से चल रहा है जहां रोजाना मरीजों के 500 सहायकों को नि:शुल्क भोजन उपलब्ध कराया जाता है और अब तक करीब साढ़े तीन लाख तीमारदारों को खाना मुहैया कराया गया है।


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Content Writer

Seema Sharma

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