गृह मंत्रालय की रिपोर्ट में दावा: पूर्वोत्तर में उग्रवाद की घटनाओं में भारी गिरावट, आंकड़ें जानकर हैरान हो जाएंगे आप

punjabkesari.in Thursday, Apr 28, 2022 - 05:08 PM (IST)

नई दिल्लीः पिछले आठ वर्ष में पूर्वोत्तर राज्यों में उग्रवाद की घटनाओं में 80 प्रतिशत की कमी आई है, जबकि सुरक्षा बलों के हताहत कर्मियों की संख्या में 75 प्रतिशत और नागरिकों की मृत्यु में 99 प्रतिशत की कमी आई है। एक आधिकारिक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई। गृह मंत्रालय की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, 2014 के बाद से पूर्वोत्तर राज्यों में सुरक्षा की स्थिति में काफी सुधार हुआ है और वर्ष 2020 में पिछले दो दशकों के दौरान उग्रवाद, नागरिकों व सुरक्षाबलों के कर्मियों के हताहत होने के सबसे कम मामले सामने आए हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है, “2014 की तुलना में 2020 में उग्रवाद की घटनाओं में 80 प्रतिशत की कमी आई है। इसी तरह, इस अवधि में सुरक्षा बलों के हताहतों में 75 प्रतिशत और नागरिकों की मौत के मामलों में 99 प्रतिशत की कमी आई है।” रिपोर्ट के मुताबिक, 2020 में 2019 की तुलना में उग्रवाद की घटनाओं में करीब 27 प्रतिशत (2019 में 223 घटनाएं और 2020 में 162 घटनाएं) और नागरिक और सुरक्षा बलों के कर्मियों के हताहतों में लगभग 72 प्रतिशत (2019 में 25 और 2020 में 7) की गिरावट देखी गई।

रिपोर्ट में कहा गया है कि आतंकवाद रोधी अभियानों में 21 विद्रोहियों को मार गिराया गया, 646 विद्रोहियों को गिरफ्तार किया गया और क्षेत्र में 2020 में 305 हथियार बरामद किए गए। पूर्वोत्तर राज्यों के विद्रोही समूहों के कम से कम 2,644 सदस्यों ने 2020 में आत्मसमर्पण कर दिया और मुख्यधारा में शामिल हो गए।

मिजोरम, सिक्किम और त्रिपुरा कुल मिलाकर शांतिपूर्ण रहे, लेकिन क्षेत्र के अन्य राज्यों में सुरक्षा स्थिति में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। रिपोर्ट में कहा गया है कि 2019 की तुलना में 2020 में, अरुणाचल प्रदेश में उग्रवाद संबंधी हिंसा में 42 प्रतिशत, असम में 12 प्रतिशत, मणिपुर में 23 प्रतिशत और नागालैंड में 45 प्रतिशत की गिरावट आई है।


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Yaspal

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