एक नहीं कई इंसाफ बाकी हैं...

punjabkesari.in Saturday, Dec 07, 2019 - 09:36 AM (IST)

नेशनल डेस्क: 16 दिसंबर 2012 की रात एक से दो बजे के बीच दक्षिण दिल्ली से लगते मुद्रिका की सड़कों पर चलती बस में 23 वर्षीय साइकोथेरेपी इंटर्न से ड्राइवर सहित छह लोगों ने गैंगरेप किया और यातनाएं दीं। यौनी में लोहे की राड डालकर उसकी आंतें बाहर निकाल दी गई थीं। बस में लड़की का दोस्त भी था, उसे भी पीटा गया। संसद से लेकर सड़क तक यह मामला गूंजा। गंभीर रूप से घायल लड़की को इलाज के लिए सरकार ने सिंगापुर भेजा मगर घटना के 13 दिन बाद उसकी मौत हो गई थी। इस मामले के बाद महिलाओं की सुरक्षा को लेकर देश के सभी बड़े शहरों में प्रदर्शन हुए। 2013 में अपराध कानून संशोधन अध्यादेश लाया गया और बलात्कार के मामलों की सुनवाई के लिए छह फास्ट ट्रेक अदालतों को गठन किया गया। 

 

दोषियों का क्या हुआ
दिल्ली पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए 24 घंटे के भीतर सभी छह आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था। इनमें एक नाबालिग था। उसे अधिकतम तीन साल की सजा हुई। एक आरोपी रामसिंह ने 11 मार्च 2013 को तिहाड़ जेल में आत्महत्या कर ली थी। 10 सितम्बर 2013 को बाकी चार आरोपियों को मौत की सजा सुनाई गई। 13 मार्च 2014 को दिल्ली हाईकोर्ट ने सजा को बरकरार रखा। 15 मार्च 2014 को सुप्रीम कोर्ट ने दो दोषियों मुकेश सिंह और पवन गुप्ता को अपील का वक्त देते हुए 31 मार्च की फांसी पर रोक लगा दी और इसे जुलाई के दूसरे सप्ताह में कर दिया गया। 5 मई 2017 सुप्रीम कोर्ट ने मामले को बहशी कृत्य बताते हुए दया याचिका खारिज की। 9 जुलाई 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने दोषियों की पुनर्विचार याचिका भी खारिज की।  

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रेप और जलाया
5 दिसम्बर 2019 को उन्नाव में गैंगरेप के बाद एक महिला को चाकू मारे गए और पांच लोगों ने पेट्रोल छिड़ककर उसे आग लगा दी। इनमें से दो रेप के आरोपी हैं। यह घटना सुबह तब हुई जब पीड़िता अपने वकील से मिलने जा रही थी। 90 फीसदी जली पीड़िता लखनऊ में उपचाराधीन है। रेप के आरोपी जमानत पर छूटकर आए थे। आरोपियों शिवम त्रिवेदी और शुभम त्रिवेदी ने 12 दिसम्बर 2018 को बंदूक की नौक पर बलात्कार किया था। इसके अगले दिन पीड़िता ने पुलिस को शिकायत दी मगर एफआईआर दर्ज नहीं की गई। रायबरेली कोर्ट के आदेश पर इस साल चार मार्च को मामले में एफआईआर हुई थी। संपत्ति सील करने के आदेश के बाद 19 सितम्बर को शिवम आत्मसमर्पण कर दिया था। उसे एक दिसम्बर को ही हाईकोर्ट ने जमानत दी थी। शुभव पुलिस रिकार्ड में भगौड़ा था। पुलिस शुरू से ही इस मामले में लीपापोती करने में लगी रही। 

 

भाजपा विधायक था आरोपी, पीड़िता को मिली प्रताडऩा
उत्तर प्रदेश के उन्नाव में एक 17 वर्षीय युवती से सामूहिक बलात्कार किया गया, उसके बाद 60 हजार रुपये में एक अन्य को बेच दिया गया। वहां 11 जून को उससे फिर गैंग रेप किया गया। आरोपियों में भाजपा का एक स्थानीय कद्दावर नेता और विधायक कुलदीप सिंह सेंगर भी शामिल था। पुलिस ने 22 जून 2017 को 11 जून की घटना का मुकद्दमा तो दर्ज कर लिया मगर 4 जून की घटना जिसमें विधायक पर भी आरोप था, उसकी सुनवाई नहीं की। इस पर पीड़िता ने 17 अगस्त को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा। मगर सेंगर के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई। लड़की द्वारा बार-बार शिकायत देने पर 5 अप्रैल 2018 को पुलिस ने उसके पिता को ही आरोपियों की शिकायत पर गिरफ्तार कर लिया। इस पर लड़की ने मुख्यमंत्री के आवास के आगे आत्मदाह का प्रयास किया। इसके अगले दिन लड़की के पिता की पुलिस यातना से अस्पताल में मौत हो गई। तब देश के मीडिया और लोगों का ध्यान इस घटना पर गया। देश में प्रदर्शन शुरू होने पर सरकार ने मामले की जांच सीबीआई को सौंपी। मामला इलाहाबाद हाईकोर्ट को भेज दिया गया है। 

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उन्नाव रेप केस आरोपियों का क्या हुआ 
सीबीआई ने 13 अप्रैल 2018 को कुलदीप सेंगर को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया। मामले में दो एफआईआर दर्ज कीं। 11 जुलाई 2018 की एफआईआर में कुलदीप सेंगर को रेप का आरोपी माना गया। इसके दो दिन बाद एक अन्य एफआईआर में लड़की के पिता की मौत के लिए कुलदीप सेंगर, उसके भाई, तीन पुलिस वालों और पांच अन्य को आरोपी बनाया गया। मामला अभी विचाराधीन है।

 

हत्या का प्रयास
28 जुलाई 2019 को अपने वकील और मौसी के साथ जा रही युवती की कार को एक तेज रफ्तार ट्रक ने टक्कर मार दी। इसमें युवती गंभीर रूप से घायल हुई, जबकि दो अन्य की मौत हो गई। सर्वोच्च अदालत ने मामले का संज्ञान लिया। 

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2019: दरिंदगी जारी है...

7 फरवरी: बिहार के किशनगंज जिले के एक गांव में छह लोगों ने एक 19 वर्षीय लड़की से पिता के सामने बलात्कार किया। सभी आरोपी जबरदस्ती घर में घुसे। पिता-पुत्री को उठाकर ले गए। पिता को रस्सी से बांध दिया गया।

14 मार्च: मध्य प्रदेश के सागर जिले के एक गांव में 12 साल की दलित बच्ची से चाचा और तीन चचेरे भाइयों ने बलात्कार किया। लड़की गर्दन काटकर तालाब में फेंक दिया गया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में लड़की से अप्राकृतिक यौन यातना के भी साक्ष्य मिले।

16 अप्रैल: कर्नाटक के रायचूर में इंजीनियरिंग की छात्रा को बलात्कार के बाद जलाकर मार डाला गया। उसका जला हुआ शव मिलने के बाद सोशल मीडिया पर लोगों ने न्याय की गुहार की। लड़की के परिजनों की शिकायत पर उसके बॉयफ्रेंड को गिरफ्तार किया गया। 

26 अप्रैल: राजस्थान के अलवर जिले में पति के साथ शादी की खरीददारी के लिए जा रही युवती को रास्ते में पांच युवाओं ने रोका। दोनों को पीटा और पति को बंधक बनाकर युवती से तीन घंटे तक सामूहिक रेप किया गया। पूरी घटना का वीडियो भी बनाया। 

8 मई: नोयडा में एक 16 साल की लड़की का अपहरण कर तीन लोगों ने 51 दिन तक बलात्कार किया। लड़की किसी तरह उनकी चंगुल से बचकर निकली और परिजनों को जानकारी दी।

15 मई: राजस्थान के छतरगढ़ में लकडिय़ां बीनने गई महिला से तीन लोगों ने बलात्कार किया। महिला की शिकायत के बावजूद तीन दिन तक मामला दर्ज नहीं किया गया। 

23 मई: उत्तर प्रदेश के रामपुर में 17 वर्षीय गूंगी लड़की से तीन लोगों ने बलात्कार किया और उसका वीडियो बनाकर अपलोड कर दिया। वीडियो अपलोड होने के बाद पुलिस हरकत में आई और आरोपियों को गिरफ्तार किया।

21 जून: उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले में 11 साल की बच्ची को घर के बाहर से उठाकर बलात्कार किया गया। उसका मुंह ईंट से कुचलकर मार दिया गया।

23 जून: आंध्र प्रदेश के अंगोले में 16 की लड़की को पांच दिन तक बंधक बनाकर छह लोगों ने रेप किया। आरोपियों में तीन नाबालिग हैं। लड़की को 17 जून को आरटीसी बस स्टैंड से उठाया गया था। मामला विचाराधीन।


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vasudha

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