कोरोना के लिए PM केयर फंड में खूब मिल रहा डोनेशन, टैक्स छूट में 'भेदभाव' पर उठे सवाल

punjabkesari.in Monday, Mar 30, 2020 - 05:26 PM (IST)

नेशनल डेस्कः कोरोना के लिए बने प्रधानमंत्री केयर फंड में देश के लोग जमकर दान कर रहे हैं। सिने स्टार अक्षय कुमार ने इस फंड में 25 करोड़ देकर एक मिसाल कायम की है। लेकिन टैक्स छूट मामले में इस फंड के साथ आयकर विभाग द्वारा किए जाने वाले ‘भेदभाव’ पर सवाल भी खड़े हो रहे हैं।

दरअसल, सरकार ने विशेष प्रावधान करते हुए इस फंड में डोनेट करने वालों को टैक्स छूट देने की व्यवस्था की है। पीएम केयर फंड के गठन का शनिवार को पीएम मोदी ने ऐलान किया और देशवासियों से यह आह्वान किया कि वे कोरोना से मुकाबले के लिए इसमें ज्यादा से ज्यादा दान करें। पीएम केयर फंड का गठन एक अलग पब्लिक चैरिटेबल ट्रस्ट के रूप में किया गया जिसका पूरा नाम है—प्राइम मिनिस्टर सिटीजन असिस्टेंस ऐंड रिलीफ इन इमरजेंसी सिचुएशन फंड ( PM CARES Fund)

यह एक अलग चैरिटेबल फंड है, इसलिए केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने एक अधिसूचना जारी कर इस ट्रस्ट को किए जाने वाले दान को आयकर की धारा 80G (2) के तहत टैक्स छूट के योग्य बनाया। साथ ही कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने यह साफ किया कि इस फंड के तहत कंपनियां जो भी दान करेंगी उसे कॉरपोरेट के सीएसआर दायित्व के तहत ही माना जाएगा।

गौरतलब है कि भारत में कॉरपोरेट कपंनियों को अपनी आय का एक निश्चित हिस्सा कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबलिटी यानी सीएसआर के तहत सामाजिक कार्यों के लिए खर्च करना ही होता है. इसीलिए इस फंड में दान करने के लिए कई कॉरपोरेट कंपनियां सामने आने लगीं।

कारोबार जगत से लेकर फिल्मी सितारों और आम आदमी ने बड़े पैमाने पर इसमें दान किए हैं। असल में प्रधानमंत्री को दान देने के लिए पहले से ही पीएम नेशनल रिलीफ फंड मौजूद है। पीएम नेशनल रिलीफ फंड में पैसा डोनेट करने पर पूरी राशि के बदले यानी 100 फीसदी का टैक्स डिडक्शन मिलता था, लेकिन नए बने पीएम केयर फंड में सिर्फ 50 फीसदी डिडक्शन की बात कही गई है। पीएम रिलीफ फंड की तरह नेशनल डिफेंस फंड, गुजरात अर्थक्वेक, एपी साइक्लोन रिलीफ फंड में भी 100 फीसदी डिडक्शन का फायदा दिया गया था।

जानकारों का कहना है कि यह बात समझ से परे है कि आखिर पीएम केयर फंड में किए गए डोनेशन के बदले सिर्फ 50 फीसदी के डिडक्शन का ही फायदा देने की व्यवस्था क्यों की गई है। जानकार इसे एक तरह से भेदभाव मानते हैं और शायद इस वजह से कुछ लोग डोनेट करने से हिचक भी रहे हैं।

 


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Yaspal

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