मोदी सरकार के कदम से डॉक्टरों में जागी उम्मीद, बोले- कोविड-19 से जंग में अब मिलेगी मदद

punjabkesari.in Thursday, Apr 23, 2020 - 02:12 PM (IST)

नेशनल डेस्क: कोविड-19 महामारी से लड़ रहे स्वास्थ्य कर्मियों पर हिंसा के कृत्यों को संज्ञेय और गैर-जमानती अपराध बनाने वाले अध्यादेश को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की मंजूरी पर एक महिला डॉक्टर ने को प्रसन्नता जतायी। महिला डॉक्टर, स्वास्थ्य कर्मियों के उस दल में शामिल थी जिस पर 22 दिन पहले पत्थर बरसाये गये थे। घटना में महिला डॉक्टर और उनकी एक साथी चिकित्सक के पैरों में चोट आयी थी। यह दल कोरोना वायरस संक्रमण के एक मरीज के संपर्क में आये लोगों को ढूंढने गया था।

 

पथराव की शिकार दो महिला डॉक्टरों में शामिल तृप्ति काटदरे (40) ने कहा कि नया कानूनी प्रावधान सरकार का एक अच्छा कदम है और इससे मुझ जैसे लाखों स्वास्थ्य कर्मियों को कोविड-19 से जंग में निश्चित तौर पर काफी मदद मिलेगी। मैं इस प्रावधान से खुश हूं। उन्होंने कहा कि सब लोगों को समझना चाहिये कि कोविड-19 से लड़ रहा हर स्वास्थ्य कर्मी अपनी जान की परवाह किये बगैर औरों की जिंदगी बचाने के लिये काम कर रहा है।"

 

गौरतलब है कि सरकार ने कोविड-19 महामारी के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे स्वास्थ्य कर्मचारियों पर हमलों को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करने की नीति अपनाते हुए बुधवार को ऐसे अपराधों को गैर-जमानती बनाने के साथ ही अधिकतम सात साल की जेल और पांच लाख रुपये का जुर्माने का प्रावधान किया था। इस महामारी रोग (संशोधन) अध्यादेश 2020 को राष्ट्रपति की हरी झंडी मिल चुकी है।

 

कोरोना वायरस संक्रमण के खिलाफ इंदौर में अलग-अलग स्तर पर अभियान चला रहे स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं और पुलिस कर्मियों को गुजरे एक महीने के दौरान विभिन्न घटनाओं में असहयोग, बदसलूकी, धमकियों और हमलों का शिकार होना पड़ा है। इन वाकयों के कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल भी हो चुके हैं।


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vasudha

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