नए संसद भवन के निर्माण पर बोले वरिष्ठ संविधानविद सुभाष कश्यप, संसद और झोपड़ी के बीच बढ़ेगी खाई

punjabkesari.in Monday, Feb 17, 2020 - 09:03 PM (IST)

नई दिल्लीः वरिष्ठ संविधानविद सुभाष कश्यप ने सोमवार को संसद भवन के पुनर्विकास की योजना को सार्वजनिक कोष का अपव्यय बताते हुये कहा कि इससे संसद और झोपड़ी के बीच की खाई बढ़ेगी। कश्यप ने गांधी दर्शन पर आधारित एक पुस्तक के लोकार्पण समारोह में संसद भवन के पुनर्विकास योजना का जिक्र करते हुये कहा कि नॉर्थ ब्लॉक, साउथ ब्लॉक और बहुत सारी अन्य इमारतों को गिराकर नयी संसद बनायी जा रही है। इसमें जनता के कोष से हजारों करोड़ रुपये खर्च होने वाला है।

उल्लेखनीय है कि आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय ने मौजूदा संसद भवन के पुनर्विकास की योजना के तहत संसद भवन की नयी इमारत, केन्द्रीय सचिवालय और सेंट्रल विस्टा को नये सिरे से बनाने का फैसला किया है। तीन चरणों वाली इस योजना को 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य है। कश्यप ने संसद भवन और झोपड़ी के बीच की खाई को खत्म करने के गांधी जी के संदेश का हवाला देते हुये कहा कि इससे (परियोजना) संसद और झोपड़ी के बीच की खाई और अधिक बढ़ेगी।

कश्यप ने इस परियोजना के औचित्य पर सवाल उठाते हुये कहा, ‘‘हमारा संसद भवन दुनिया के अन्य संसद भवनों की तुलना में बहुत ही अद्वितीय है, मौजूदा संसद भवन से काम चल ही रहा है तो हम नयी नयी इमारतें बनाकर, नये ताजमहल बनाकर, क्या जनता को खुश करना चाहते हैं? मैं समझता हूं कि यह गांधी जी के विचारों के विपरीत है।'' कश्यप शिक्षाविद जगमोहन सिंह राजपूत द्वारा लिखित पुस्तक ‘‘गांधी को समझने का यही समय'' के लोकार्पण समारोह की अध्यक्षता कर रहे थे।

पुस्तक का विमोचन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघ चालक मोहन भागवत ने किया। कश्यप ने मौजूदा दौर में व्यवस्था में व्याप्त भ्रष्टाचार पर भी चिंता व्यक्त की। हालांकि उन्होंने सत्ता के शीर्ष स्तर पर भ्रष्टाचार में कमी आने की बात भी कही। उन्होंने कहा कि ‘‘मुझे इस पुस्तक का निचोड़ यही लगता है कि गांधी के सपनों का भारत और गांधी के सपनों की राजनीति, हमारे देश में आज तक नहीं आयी है। गांधी प्रासंगिक हैं, सामयिक हैं इसलिये कि आज भ्रष्ट आचरण का जो वातावरण है, इसमें कोई संदेह नहीं कि ऊपरी स्तर पर भ्रष्टाचार बहुत कम हुआ है, लेकिन जनता का जहां तक सवाल है, वहां भ्रष्टाचार में कमी नहीं आयी है, बल्कि कुछ क्षेत्रों में वृद्धि हुयी है।''

कश्यप ने सरकार द्वारा चलाये जा रहे स्वच्छता अभियान की सराहना करते हुये पूछा कि राजनीति में स्वच्छता अभियान कब चलेगा? उन्होंने मौजूदा दौर में गांधी जी की सादगी का भाव नदारद होने पर दुख व्यक्त करते हुये कहा कि गांधी जी के सपनों का भारत बनाना है तो हमारे नेताओं को सादगी को अपनाना चाहिये। कश्यप ने कहा, ‘‘हमारे नेता शानोशौकत से जीने में मुगलों से कम नहीं हैं। गांधी जी के सपनों का भारत जब बनेगा तब ही सच्ची आजादी मिलेगी।''

 


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Yaspal

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