थम गई आरे के पेड़ों की कटाई, सुप्रीम कोर्ट के फैसले का देश ने किया स्वागत
punjabkesari.in Monday, Oct 07, 2019 - 03:24 PM (IST)
नेशनल डेस्क: मुंबई में मेट्रो कोच खड़े करने के लिए शेड बनाने के लिहाज से यहां आरे कॉलोनी में और अधिक पेड़ काटने से अधिकारियों को रोकने के उच्चतम न्यायालय के आदेश का देश ने दिल खोलकर स्वागत किया है। वहीं सामाजिक कार्यकर्ताओं और विपक्षी कांग्रेस तथा राकांपा के नेताओं ने भी इसे बड़ा फैसला बताया। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण और राकांपा नेता सुप्रिया सुले ने भाजपा नीत राज्य सरकार पर पेड़ काटने में जल्दबाजी करने तथा पर्यावरण कार्यकर्ताओं और आम जनता की आवाज दबाने का आरोप लगाया।
मुंबई मेट्रो रेल निगम लिमिटेड (एमएमआरसीएल) ने कार शेड बनाने के लिए शुक्रवार रात से पेड़ों की कटाई शुरू कर दी थी। इससे पहले बंबई उच्च न्यायालय ने मुंबई के इस हरे-भरे क्षेत्र में वृक्षों को गिराने की अनुमति देने के फैसले को चुनौती देने की कुछ गैर सरकारी संगठनों और कार्यकर्ताओं की चार याचिकाओं को खारिज कर दिया था। बारामती से लोकसभा सदस्य सुले ने ट्वीट किया कि आरे पर उच्चतम न्यायालय का फैसला स्वागत योग्य है। हालांकि उच्चतम न्यायालय में महाराष्ट्र सरकार की यह स्वीकारोक्ति चिंताजनक है कि जरूरी संख्या में पेड़ों की कटाई कर ली गयी है।
लोकसभा सदस्य ने कहा कि मैं पिछले सप्ताह रात में पेड़ों की कटाई शुरू करने के राज्य सरकार के फैसले की निंदा करती हूं। अंतिम निर्णय आया भी नहीं था लेकिन फिर भी सरकार ने पेड़ काटने में जल्दबाजी की।वहीं चव्हाण ने भी देवेंद्र फडणवीस नीत राज्य सरकार पर आरे में पेड़ों को कटाई को लेकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय का आदेश भाजपा-शिवसेना सरकार के चेहरे पर जोरदार तमाचा है जिसने आरे में पेड़ों की कटाई के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे आम लोगों और कार्यकर्ताओं की आवाज को दबाने की कोशिश की।
सेंट जेवियर्स कॉलेज में इतिहास विभाग के प्रमुख तथा शहर के काश फाउंडेशन में न्यासी प्रोफेसर अवकाश जाधव ने अदालत के फैसले का स्वागत किया और शुक्रवार की देर रात पेड़ों की कटाई के मामले में विशेष जांच दल (एसआईटी) से जांच कराने की मांग की। आरे संरक्षण समूह के सदस्य तस्मीन शेख ने भी फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि एमएमआरसीएल ने हमेशा ढुलमुल तर्क पेश किये और हमने तार्किक रूप से उनका विरोध किया।