सुनंदा पुष्कर केस: कोर्ट से बोली दिल्ली पुलिस- थरूर के खिलाफ तय हो आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप
punjabkesari.in Saturday, Aug 31, 2019 - 05:25 PM (IST)
नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस ने अदालत से आग्रह किया है सुनंदा पुष्कर की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत के मामले में उनके पति पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरुर के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप तय होना चाहिए। राउज एवेन्यू स्थित केंद्रीय जांच ब्यूरो(सीबीआई) के विशेष न्यायाधीश अजय कुमार कुहार की अदालत में शनिवार को सुनंदा पुष्कर मामले की सुनवाई हुई। पुलिस ने अदालत से आग्रह किया कि थरुर के खिलाफ 498 ए और 306 अथवा 302 के तहत मामला दर्ज होना चाहिए।
पुलिस का कहना है कि सुनंदा ने मानसिक रुप से प्रताड़ना और विवाहेत्तर संबंधों के चलते कथित रुप से खुदकुशी की थी। अदालत ने इस मामले की सुनवाई के लिए अगली तारीख 17 अक्टूबर तय की है। सुनंदा नई दिल्ली पंचतारा होटल के अपने कमरे में 17 जनवरी 2014 को मृत पाई गई थी। इस मामले में एकमात्र आरोपी उनके पति है जो फिलहाल जमानत पर हैं। मौत से एक दिन पहले कथित तौर पर सुनंदा और पाकिस्तानी पत्रकार मेहर तरार के बीच ट्विटर पर बहस हुई थी। सुनंदा ने इस प्रकरण से कुछ ही दिन पहले अपने पति पर पाकिस्तानी पत्रकार के साथ अंतरंग संबंध होने के आरोप लगाए थे।
थरुर के खिलाफ गत वर्ष 14 मई को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप के तहत आरोपपत्र दाखिल किया गया था। अभियोजन पक्ष के वकील अतुल श्रीवास्तव ने थरुर पर इस मामले में आरोप तय करने के लिए अपनी दलीलों को पूरा किया। श्रीवास्तव ने अदालत को बताया कि सुनंदा पूरी तरह स्वस्थ थी और उनकी मृत्यु जहर की वजह से हुई। उधर थरुर के वकील विकास पाहवा ने बयान जारी कर दिल्ली पुलिस के आरोपों को गलत ठहराया है। पाहवा ने कहा कि अभियोजक आरोपपत्र के विपरीत बात कर रहे हैं। अभियोजक की तरफ से जो आरोप लगाए गए हैं वह बेतुके और गलत है। उन्होंने कहा कि तय किए गए आरोपों के लिहाज से दिल्ली पुलिस साक्ष्यों के संबंध में टुकड़ों.टुकड़ों में बात कर रही है जो विधि के सिद्धांत के पूरी तरह विरुद्ध है।
पाहवा ने कहा कि वह मामले की अगली तारीख पर बहस के साथ ही एक.एक बिंदु पर अपना पक्ष रखेंगे। मामले की सुनवाई के दौरान सुनंदा के भाई आशीष दास ने बयान दिया कि उनकी बहन शादीशुदा जिंदगी से प्रसन्न थी किंतु अपने जीवन के आखिरी दिनों में वह बहुत परेशान हुई, लेकिन वह कभी आत्महत्या जैसा कदम उठाने के बारे में नहीं सोच सकती थी।