पाकिस्तान में पत्रकारिता की आड़ में तैयार किए जा रहे हैं आतंकी, जम्मू-कश्मीर पुलिस के आरोप पत्र में खुलासा

punjabkesari.in Friday, May 06, 2022 - 01:15 PM (IST)

जम्मू (विशेष): जम्मू-कश्मीर पुलिस की राज्य जांच एजेंसी (एसआईए) ने भारत में पत्रकारों की आड़ में प्रशिक्षित आतंकवादियों को शामिल करने की पाकिस्तान की साजिश को विफल कर दिया है और एजेंसी ने पाकिस्तान से सक्रिय हिजबुल मुजाहिदीन (एचएम) के तीन आतंकवादियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया है। एसआईए जम्मू के डोडा जिले से संबंधित तीन एचएम आतंकवादियों डोडा के कश्तीगढ़ के आसिफ शबीर नाइक, उसके पिता शब्बीर हुसैन नाइक और सफदर हुसैन उर्फ डोडा के गांव मरम्मत के एहसान के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया है। ये तीनों अब पाकिस्तान में हैं। जांच एजेंसी ने तीनों आरोपियों के खिलाफ जम्मू में टाडा, पोटा व एनआईए की विशेष अदालत में चार्जशीट दाखिल की है।

छात्रों का गलत इस्तेमाल कर रही हैं पाक एजेंसियां
एसआईए के मुताबिक जांच 7 नवंबर 2021 को शुरू हुई और पिछले लगभग छह महीनों तक चली। यह तीनों आतंकी पाकिस्तान में छिपे हुए हैं और सीमा पार से दृश्य के पीछे आतंकवादी और अलगाववादी गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं। एसआईए ने कहा कि इन्वेस्टिगेशन से पता चला है कि कैसे पाकिस्तानी एजेंसियां वैध यात्रा दस्तावेजों के आधार पर न केवल दोनों देशों के बीच यात्रा का, बल्कि उच्च अध्ययन के लिए पाकिस्तान जाने वाले भारतीय छात्रों का भी गलत इस्तेमाल कर रही हैं।

ऐसे पुलिस गिरफ्त में आया आतंकी
जांच एजेंसी ने कहा कि आरोपी आतंकवादियों में से एक आसिफ शब्बीर नाइक को श्रीनगर हवाई अड्डे पर उस समय रोका गया था जब वह खुफिया जानकारी के आधार पर पाकिस्तान भागने की कोशिश कर रहा था। वह वहां एक छात्र के रूप में पाकिस्तान का दौरा कर रहा था। वह वास्तव में आतंकवादी और अलगाववादी प्रशिक्षण के लिए दौरा कर रहा था। आसिफ शब्बीर नाइक न्यायिक हिरासत में है, अन्य दो आरोपियों विशेष रूप से मास्टरमाइंड शब्बीर हुसैन नाइकंद और उसके सहयोगी सफदर हुसैन के पाकिस्तान में छिपे होने पर सीआरपीसी की धारा 299 के तहत फरार के रूप में मामला दर्ज किया गया है। 

मास मीडिया कोर्स में थी एडमिशन
आसिफ के फोन की फोरेंसिक से पता चला है कि उसने सामरिक बारामुला-श्रीनगर सड़क पर सेना के प्रतिष्ठानों की वीडियोग्राफी की थी। उसने  हवाई अड्डे तक जाने वाली सड़क और उससे सटे सुरक्षा सुविधाओं की भी तस्वीरें खींचीं। आसिफ के पासपोर्ट पर वीजा से पता चलता है कि वह आगंतुक था, आव्रजन रिकॉर्ड से संकेत मिलता था कि वह एक छात्र था। डिजिटल साक्ष्य के संदर्भ में आसिफ से पूछताछ से पता चला कि पाकिस्तान ने इस्लामाबाद में इंटरनेशनल इस्लामिक यूनिवर्सिटी में उसके प्रवेश की व्यवस्था एक मास मीडिया कोर्स में की थी और साथ ही साथ उसके पिता द्वारा संचालित एचएम के मीडिया सेल में उसकी इंटर्नशिप हुई थी।

भारत में आतंक फैलाने की योजना
इस मामले में आतंकवादी संगठन एचएम ने पाकिस्तानी एजेंसियों के आशीर्वाद से आसिफ को छात्रवृति का कवर दिया और  पाकिस्तान में अपने प्रवास का इस्तेमाल किया। एसआईए ने कहा पाकिस्तान में एक मास मीडिया कोर्स में एक छात्र के रूप में आसिफ के प्रवेश का उद्देश्य संदिग्ध है और वह एक सम्मानित पत्रकार के रूप में भारत लौटना और सिस्टम में गुप्त रूप से शामिल होना चाहता था। वह अलगाववादी प्रचार अभियान के तहत हिंसक कार्रवाइयों को अंजाम देना चाहता था। यहां यह उल्लेख करना उचित होगा कि आरोपी आसिफ शब्बीर नाइक पाकिस्तान में लगभग तीन साल तक शब्बीर हुसैन नाइकंद सफदर हुसैन के साथ एचएम कैंपों में रहा।

पाकिस्तानी अदालत से कार्रवाई का अनुरोध
आरोप पत्र में कहा गया है कि इसके अलावा जांच का प्रमुख हिस्सा पाकिस्तान के क्षेत्र से संबंधित है। यहां तक कि जब यह समझा जाता है कि पाकिस्तान के अधिकारी इस कानूनी रूप से अनिवार्य जांच में सहायता नहीं करेंगे, तो यह विवेकपूर्ण और कानूनी रूप से आवश्यक था कि निर्धारित चैनल के माध्यम से पाकिस्तानी अदालत से अनुरोध करें। पाकिस्तान में छिपे शब्बीर हुसैन नाइक और सफदर हुसैन के संबंध में इसी तरह के अनुरोध शुरू किए गए हैं। एसआईए ने कहा कि कुछ और सबूत हासिल करने के प्रयास किए जा रहे हैं और इस संबंध में जांच जारी रहेगी।


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Content Editor

rajesh kumar

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