धर्मांतरण कानूनों के खिलाफ दायर याचिका पर 3 फरवरी को सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट

punjabkesari.in Monday, Jan 30, 2023 - 05:56 PM (IST)

नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि वह अंतरधार्मिक विवाहों के कारण धर्मांतरण को विनियमित करने वाले विवादास्पद राज्य कानूनों को चुनौती देने वाली विभिन्न याचिकाओं पर तीन फरवरी को सुनवाई करेगा। प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा एवं न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला की पीठ ने कहा कि सुबह एक स्थानांतरण याचिका का उल्लेख किया गया था। पीठ ने कहा, "हम इसे सूचीबद्ध कर सकते हैं, नोटिस जारी कर सकते हैं और इसकी सुनवाई एक साथ कर सकते हैं। उस समय स्थानांतरण याचिका को भी सूचीबद्ध किया जाएगा। अटॉर्नी जनरल भी गौर कर सकते हैं। हम शुक्रवार को सभी की सुनवाई करेंगे।"

कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ के गैर सरकारी संगठन "सिटीजन फॉर जस्टिस एंड पीस" की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता सी यू सिंह ने कहा कि लोग राज्य के इन कानूनों के कारण शादी नहीं कर सकते और स्थिति काफी गंभीर है। संक्षिप्त सुनवाई के दौरान, अटार्नी जनरल आर वेंकटरमणी ने दलील दी कि ये राज्यों के कानून हैं जिन्हें शीर्ष अदालत में चुनौती दी गई है और इन मामलों की सुनवाई संबंधित उच्च न्यायालयों को करनी चाहिए। इससे पहले, सर्वोच्च अदालत ने कई राज्यों के धर्मांतरण विरोधी कानूनों को चुनौती देने वाले पक्षकारों से कहा था कि वे इस मुद्दे पर विभिन्न उच्च न्यायालयों से उच्चतम न्यायालय में मामलों को स्थानांतरित करने के लिए एक साझा याचिका दायर करें।

पीठ ने कहा था कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय में इस तरह की कम से कम पांच याचिकाएं थीं जबकि मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय में सात, गुजरात और झारखंड उच्च न्यायालयों में दो-दो, हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय में तीन और कर्नाटक एवं उत्तराखंड उच्च न्यायालय में एक-एक याचिकाएं थीं। इससे पहले, न्यायमूर्ति एम आर शाह की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने कहा था कि धर्मांतरण एक गंभीर मुद्दा है और इसे राजनीतिक रंग नहीं दिया जाना चाहिए। पीठ ने अधिवक्ता अश्विनी कुमार उपाध्याय द्वारा दायर याचिका पर अटॉर्नी जनरल की सहायता मांगी थी।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Yaspal

Recommended News

Related News