शिंदे गुट के बिना भी भाजपा के पक्ष में था महाराष्ट्र विधानसभा का नंबरगेम, समझिए कैसे

punjabkesari.in Thursday, Jun 30, 2022 - 11:26 AM (IST)

नेशनल डेस्क: सुप्रीम कोर्ट के फ्लोर टैस्ट पर रोक लगाने से मना करने के बाद 30 जून यानी गुरुवार को महाराष्ट्र विधानसभा में फ्लोर टैस्ट होना था लेकिन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के इस्तीफा देने के बाद ऐसा नहीं होगा। लेकिन यदि उद्धव सरकार सदन में बहुमत साबित करती तो वह नंबरगेम में फेल हो सकती थी। शिवसेना के पास 55 विधायक हैं, जिसमें 39 ने उद्धव ठाकरे के खिलाफ ही मोर्चा खोला हुआ है और वे गुवाहाटी में कई दिनों से डेरा डाले हुए हैं। लेकिन, सवाल यह भी है कि क्या गुवाहाटी में हर बागी विधायक शिंदे के साथ है या फिर उसमें कुछ उद्धव गुट के लोग भी हैं। इतना ही नहीं क्या महाराष्ट्र पहुंचकर कुछ विधायक पलट सकते हैं। 

बता दें कि महाराष्ट्र विधानसभा में कुल 288 सीटें हैं, लेकिन शिवसेना के एक विधायक के निधन के बाद 287 विधायक रह गए हैं। ऐसे में सरकार बनाने के लिए 144 विधायकों की जरूरत है। राकांपा के पास 53 विधायक हैं, कांग्रेस के पास 44 और शिवसेना के पास 55 विधायक हैं। लिहाजा तीनों दलों की बात करें तो कुल मिलाकर उनके पास 152 विधायक हैं। दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी के पास 106 विधायक हैं और 7 निर्दलीय व अन्य विधायकों का समर्थन प्राप्त है। इस तरह से राजग की बात करें तो उसके पास कुल 113 विधायकों का समर्थन है।

वहीं, अगर एकनाथ शिंदे के साथ गुवाहाटी में ठहरे बागी विधायकों को अयोग्य ठहरा दिया जाता या किसी तरह वोटिंग से रोक दिया जाता और निर्दलीय उद्धव सरकार से किनारा कर लेते हैं तो बहुमत के आंकड़ों को राजग आराम से हासिल कर लेता। 287 विधायकों के लिहाज से बहुमत के लिए 144 विधायकों का समर्थन चाहिए, लेकिन शिंदे गुट के 39 विधायक फ्लोर टैस्ट में शामिल नहीं होते और 4 महा विकास अघाड़ी के विधायक शामिल नहीं हो पाते तो बहुमत के लिए 121 विधायकों का आंकड़ा चाहिए होता। ऐसी स्थिति में भाजपा के 113 विधायकों के साथ-साथ 16 निर्दलीय और अन्य विधायक भी साथ खड़े थे। इस तरह से राजग का आंकड़ा 129 पर पहुंचता है। 


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Content Writer

Anil dev

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