4 जुलाई को रिटायर होंगे सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अशोक भूषण, कई अहम मामलों में सुनाए बड़े फैसले

punjabkesari.in Saturday, Jul 03, 2021 - 06:20 AM (IST)

नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति अशोक भूषण चार जुलाई को सेवानिवृत्त होंगे। न्यायमूर्ति भूषण ऐतिहासिक अयोध्या भूमि विवाद मामले से लेकर बायोमेट्रिक आईडी आधार की वैधता को बरकरार रखने समेत कई महत्वपूर्ण फैसलों का हिस्सा रहे हैं। वह उस फैसले का भी हिस्सा रहे थे जिसमें कहा गया था कि भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) ‘‘मास्टर ऑफ रोस्टर'' होता है और उनके पास मामलों को आवंटित करने का विशेषाधिकार और प्राधिकार होता है।

इन मामलों में सुनाए अहम फैसले

  • अयोध्या राम मंदिर भूमि विवाद
  • सीजेआई मास्टर ऑफ रोस्टर
  • आधार की वैधता का फैसला
  • दिल्ली-उपराज्यपाल मामला


न्यायमूर्ति भूषण की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की पीठ ने नौकरियों और शिक्षा में प्रवेश के लिये सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़े वर्गो के लिये आरक्षण की व्यवस्था के राज्यों के अधिकार से संबंधित संविधान के 102वें संशोधन पर पांच मई के बहुमत के निर्णय पर पुनर्विचार के लिए केंद्र की याचिका खारिज कर दी थी।

न्यायालय ने पांच मई के फैसले में व्यवस्था दी थी कि संविधान में 102वें संशोधन के बाद नौकरियों और दाखिलों के लिए सामाजिक एवं शैक्षिक रूप से पिछड़े वर्गों (एसईबीसी) की घोषणा करने की शक्ति राज्यों के पास नहीं रही है।

कैसा रहा अब तक का सफर
न्यायमूर्ति भूषण, 1956 में उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले में पैदा हुए थे और उन्होंने 1979 में इलाहाबाद विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री प्राप्त की थी और 6 अप्रैल, 1979 को उत्तर प्रदेश की बार काउंसिल में एक वकील के रूप में नामांकित हुए थे। उन्हें 24 अप्रैल, 2001 को इलाहाबाद उच्च न्यायालय के स्थायी न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया था। उन्होंने 10 जुलाई, 2014 को केरल उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में शपथ ली थी। न्यायमूर्ति भूषण ने मार्च 2015 में केरल उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली थी। 


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Content Writer

Yaspal

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