ज़ी न्यूज़ एंकर रोहित रंजन को राहत, सुप्रीम कोर्ट ने गिरफ्तारी पर लगाई रोक
punjabkesari.in Friday, Jul 08, 2022 - 01:08 PM (IST)
नेशनल डेस्क: उच्चतम न्यायालय ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के वीडियो को एक जुलाई को ‘गलत संदर्भ' में दिखाने के मामले में एक समाचार चैनल के प्रस्तोता रोहित रंजन के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने से विभिन्न राज्यों के प्राधिकारियों को शुक्रवार को रोक दिया। रंजन के खिलाफ कुछ राज्यों में प्राथमिकियां दर्ज की गई हैं। उन्होंने इस प्रसारण के संबंध में की गई शिकायतों और प्राथमिकियों को रद्द किए जाने का अनुरोध करते हुए याचिका दायर की है। न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी और न्यायमूर्ति जे के माहेश्वरी की अवकाशकालीन पीठ ने अटॉर्नी जनरल के कार्यालय के जरिए केंद्र समेत कई पक्षों को नोटिस भी जारी किए। गांधी के वीडियो को गलत संदर्भ में दिखाने के मामले में रंजन के खिलाफ कुछ राज्यों में प्राथमिकी दर्ज की गई हैं। रंजन ने वीडियो प्रसारित होने के बाद माफी मांगी थी और इस समाचार कार्यक्रम को वापस ले लिया गया था।
SC grants relief to TV news anchor Rohit Ranjan; directs concerned authorities not to take any coercive steps against him in connection with multiple FIRs lodged against him for running an alleged doctored video of Congress leader Rahul Gandhi. pic.twitter.com/E5hab7oG5l
— ANI (@ANI) July 8, 2022
याचिका में केंद्र के अलावा छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश और राजस्थान राज्यों को पक्षकार बनाया गया है। शीर्ष अदालत ने पक्षकारों को नोटिस जारी करते हुए कहा कि इस बीच, प्रतिवादी प्राधिकारी याचिकाकर्ता को हिरासत में लेने की कठोर कार्रवाई नहीं करेंगे। रंजन की ओर से पेश वरिष्ठ वकील सिद्धार्थ लूथरा ने पीठ से कहा कि अभी तक जयपुर, रायपुर और नोएडा में तीन प्राथमिकी दर्ज हो चुकी हैं। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम में अनजाने में त्रुटि हो गई और याचिकाकर्ता ने माफी भी मांग ली है। लूथरा ने कहा कि कंपनी के दो संबंधित लोगों ने अपनी गलती स्वीकार कर ली है और इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने कहा, ‘‘आज मेरी मुश्किल है कि पहली प्राथमिकी जयपुर में दर्ज की गई, दूसरी प्राथमिकी छत्तीसगढ़ के रायपुर में दर्ज की गई।''
उन्होंने कहा कि नोएडा में भी प्राथमिकी दर्ज हुई है। याचिका में रंजन ने उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकियों या शिकायतों को रद्द करने या उन्हें एक साथ संलग्न करने एवं एक स्थान पर हस्तांतरित करने का अनुरोध किया है। रंजन ने यह भी अनुरोध किया है कि वापस लिए जा चुके कार्यक्रम के प्रसारण के लिए उनके खिलाफ कोई कठोर कार्रवाई नहीं की जाए। याचिका में पत्रकार, उनके परिवार के सदस्यों और कार्यक्रम से जुड़े उनके सहयोगियों के लिए सुरक्षा का अनुरोध किया गया है। याचिका में कहा गया है, ‘‘वर्तमान रिट याचिका संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत दायर की जा रही है जिसमें लगभग एक जैसी आपराधिक शिकायतों को रद्द करने/एक साथ जोड़ने का अनुरोध किया गया है। याचिकाकर्ता के खिलाफ देशभर में प्राथमिकियां दर्ज की गई हैं।
याचिकाकर्ता ने वर्तमान याचिका के लंबित रहने के दौरान दंडात्मक कार्रवाई से संरक्षण का अनुरोध किया है।'' इसमें कहा गया है, ‘‘रंजन ने एक जुलाई, 2022 को ‘जी न्यूज' पर एक कार्यक्रम की मेजबानी की। समाचार कार्यक्रम में कुछ उद्धरणों को अनजाने में गलत तरीके से पेश किया गया और त्रुटि को तुरंत ठीक कर दिया गया। याचिकाकर्ता और जी न्यूज द्वारा बिना शर्त माफी मांगी गई थी और कोई भी प्राथमिकी एवं शिकायत दर्ज होने से पहले ही समाचार कार्यक्रम को वापस ले लिया गया था।'' याचिका में कहा गया है कि बाद में, याचिकाकर्ता के खिलाफ एक ही घटना के लिए कानून के विभिन्न प्रावधानों के तहत कई प्राथमिकी और शिकायतें दर्ज की गई हैं। गौरतलब है कि मंगलवार को छत्तीसगढ़ पुलिस का एक दल रोहित रंजन को उनके घर से गिरफ्तार करने के लिए उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद पहुंचा था लेकिन उन्हें नोएडा पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया और रात में जमानत पर रिहा कर दिया था।