सुप्रीम कोर्ट को समझ नहीं आया हिमाचल हाईकोर्ट का फैसला, भाषा देख जज बोले- क्या यह लैटिन में है?
punjabkesari.in Tuesday, Jan 18, 2022 - 11:38 AM (IST)
नेशनल डेस्क: अदालती आदेशों या कानूनी बहसों में इस्तेमाल होने वाली शब्दावली और उसके मायने को समझना अक्सर आम लोगों के लिए काफी मुश्किल होता है। ऐसा ही एक मामला हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट से जुड़ा सामने आया है। सुप्रीम कोर्ट ने हिमाचल हाई कोर्ट की ओर से एक मामले पर दिए आदेश को लेकर अचरज जताते हुए कहा कि उसे संभवत: फिर से इसे ठीक तरीके से लिखने के लिए वापस भेजना होगा। सुप्रीम कोर्ट ने 17 जनवरी को हुई सुनवाई में आदेश को वापस हाईकोर्ट के पास भेजने और उसे फिर से लिखने के निर्देश दिए।
मामले में दो जजों की पीठ की अध्यक्षता करते हुए जस्टिस केएम जोसेफ ने अपील करने वाले वकील निधेश गुप्ता से पूछा कि हाईकोर्ट क्या कहना चाहता है। जस्टिस केएम जोसेफ ने कहा- हम इस फैसले को कैसे समझेंगे? क्या ये लैटिन में है? इस पर सीनियर अधिवक्ता निधेश गुप्ता ने कहा, 'हम एक शब्द भी नहीं समझ पा रहे हैं।' इस पर कोर्ट ने आदेश को फिर से लिखने के लिए वापस हाईकोर्ट भेजने का निर्देश दिया। साथ ही कोर्ट ने कहा कि मामले की आगे की सुनवाई अब 24 जनवरी को की जाएगी।
पहले भी आए हैं ऐसे मामले
यह पहली बार नहीं है जब सुप्रीम कोर्ट ने आदेश की भाषा को लेकर हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट पर नाराजगी जताई है। इससे पहले मार्च-2021 में भी ऐसा ही एक मामला सामने आया था। उससे पहले 2017 में भी सुप्रीम कोर्ट ने किरायेदार और मकान मालिक के बीच के एक विवाद पर हिमाचल हाई कोर्ट को फैसले को फिर से लिखने को कहा था।
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