हिन्दी और भारतीय भाषाओं में हो सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट कार्रवाई, संसद में उठा मुद्दा

punjabkesari.in Wednesday, Dec 01, 2021 - 02:37 PM (IST)

नेशनल डेस्क: देश की स्वतंत्रता के 75 साल बीत जाने के बावजूद सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट्स में हिन्दी एवं अन्य भारतीय भाषाओं में कार्यवाही नहीं होने को लेकर संसद में आज चिंता जताई गई और मांग की गई कि आज़ादी के अमृत महोत्सव में यह कार्य भी हो जाना चाहिए। भाजपा के सांसद सत्यदेव पचौरी ने यहां लोकसभा में शून्यकाल में यह मामला उठाया। उन्होंने कहा कि वह गृह मंत्री का ध्यान इस ओर आकृष्ट करना चाहते हैं कि सुप्रीम कोर्ट और देश के सभी हाईकोर्टों में राष्ट्रभाषा हिन्दी एवं अन्य भारतीय भाषाओं में काम नहीं हो रहा है।

 

निचली अदालतों में हिन्दी एवं भारतीय भाषाओं में काम हो रहा है। लेकिन बड़ी अदालतों में गरीब, किसान, मजदूर आदि कम पढ़े-लिखे तबके को अपनी तकलीफ बताने का मौका नहीं मिलता है और अपने मुकदमों की कार्यवाही एवं फैसलों के बारे में वकील की जानकारी पर ही निर्भर रहना पड़ता है। पचौरी ने कहा कि संविधान बनाते समय हमारे संविधान निर्माताओं ने कहा था कि फिलहाल सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट में अंग्रेजी में काम होगा लेकिन बाद में ऐसा कभी हुआ नहीं।

 

उन्होंने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को उद्धृत करते हुए कहा कि भाषायी सीमाओं के कारण वादी को न्याय पाने के लिए संघर्ष करना पड़ता है। उन्होंने मांग की कि देश इस समय आज़ादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। इस मौके पर संसद द्वारा सुप्रीम कोर्ट और उच्च न्यायालयों में हिन्दी सहित भारतीय भाषाओं में कार्यवाही आरंभ किए जाने संबंधी विधायी प्रक्रिया पूरी की जानी चाहिए।


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Content Writer

Seema Sharma

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