भारत और ग्रीस सीमा पार आतंकवाद पर हुए एकजुट, चीन-पाकिस्तान व तुर्की को दिया कड़ा संदेश

punjabkesari.in Sunday, Jun 27, 2021 - 01:53 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्क: भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने ग्रीस की यात्रा  दौरान प्रधानमंत्री कीरियाकोस मित्सोतकीस से मुलाकात की और आतंकवाद समेत कई मुद्दों पर चर्चा की।  इस वार्ता को तुर्की, चीन और पाकिस्तान के लिए संदेश  माना जा रहा है। इस मुलाकात के दौरान दोनों पक्षों ने  कहा कि अंतर्राष्ट्रीय कानून के मुताबिक संप्रभुता के सम्मान, अधिकार और क्षेत्रीय अखंडता को अंतरराष्ट्रीय संबंधों का आधार माना चाहिए और इसका सभी को पालन करना चाहिए। दिलचस्प बात यह है कि ग्रीस के साथ विवाद में उलझे तुर्की में युद्धाभ्यास के दौरान पाकिस्तान ने राफेल विमान के साथ एक्सरसाइज की थी, जिसे भारत के लिए चिंताजनक माना गया।

 

बता दें कि ग्रीस और तुर्की के बीच संबंधों में तनाव गहराया है जबकि भारत के प्रतिद्वंदी चीन और धुर-विरोधी पाकिस्तान के साथ तुर्की की अच्छी दोस्ती है। इसके अलाव दोनों देशों ने पूर्वी भूमध्यसागर में पैदा तनाव पर भी चर्चा की। यहां तुर्की एक्सक्लूसिव इकॉनमिक जोन (EEZ) पर दावा ठोकता है जिसे ग्रीस संयुक्त राष्ट्र कानून के मुताबिक अपना बताता है। इस विवाद में साइप्रस और लीबिया भी शामिल हैं क्योंकि उनके EEZ भी विवाद में घिरे हैं। इस विवाद में भी पाकिस्तान ने तुर्की का समर्थन किया है।विदेश मंत्री ने ग्रीस के अपने समकक्ष निकोस डेंडियास के साथ चर्चा में कट्टरपंथ, हिंसक चरमपंथ और सीमापार आतंकवाद सहित आतंकवाद से पैदा खतरों की बात स्वीकार की।

 

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इसके किसी स्वरूप को उचित नहीं ठहराया जा सकता है।' विदेश मंत्रालय के अनुसार बातचीत के बाद ग्रीस के विदेश मंत्री ने अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन (ISA) समझौते के दस्तावेज पर हस्ताक्षर किया और इसे भारतीय पक्ष को सौंपा । बयान के अनुसार, फ्री, समावेशी और सहयोगात्मक हिन्द-प्रशांत को लेकर समान दृष्टि होने पर दोनों पक्षों ने संतोष प्रकट किया। इसके अनुसार दोनों पक्षों का मानना है कि ऐसा होने पर क्षेत्र में सभी के लिए सम्पर्क और विकास सुनिश्चित किया जा सकता है। इससे पहले पिछले महीने दोनों देशों ने बैठक कर रक्षा संबंध बेहतर करने पर सहमति बनाई थी। इसके लिए दोनों देशों ने मिलिट्री ट्रेनिंग पर किए जा रहे सहयोग को और बढ़ाने पर भी सहमति व्यक्त की। इसमें भारत-ग्रीस के अलावा अन्य देशों के साथ मिलकर सैन्य अभ्यास, मिलिट्री एकेडमिक ट्रेनिंग और हाइब्रिड वॉर के खतरों से निपटने पर भी चर्चा की गई।

 


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Content Writer

Tanuja

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