लोक सभा अध्यक्ष ने विपक्षी दलों को दी नसीहत- बिना तथ्यों के नहीं लगाए आरोप

punjabkesari.in Friday, Jul 15, 2022 - 07:56 PM (IST)

नई दिल्लीः संसद भवन परिसर का उपयोग धरना, प्रदर्शन, हड़ताल, अनशन या धार्मिक समारोहों के लिए नहीं किये जा सकने संबंधी संसदीय बुलेटिन को लेकर विवाद उत्पन्न होने के बीच लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने शुक्रवार को राजनीतिक दलों से बिना तथ्य के लोकतांत्रिक संस्थाओं को लेकर आरोप प्रत्यारोप से बचने की अपील की। बिरला ने कहा कि अभी लोकसभा से कोई नया बुलेटिन जारी नहीं किया गया है और ऐसी बुलेटिन जारी करने की प्रक्रिया लम्बे समय से जारी है।

विपक्षी दलों ने शुक्रवार को राज्यसभा सचिवालय के उस बुलेटिन पर आपत्ति व्यक्त की जिसमें कहा गया है कि संसद भवन परिसर का उपयोग धरना, प्रदर्शन, हड़ताल, अनशन या धार्मिक समारोहों के लिये नहीं किया जा सकता। इस बारे में पूछे जाने पर लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह (ऐसे बुलेटिन जारी करना) एक प्रक्रिया है। यह प्रक्रिया लम्बे समय से जारी है।'' उन्होंने कहा कि ऐसा बुलेटिन 2009 में भी जारी किया गया था।

बिरला ने कहा, ‘‘हमारा सभी राजनीतिक दलों से आग्रह है कि वे लोकसभा, राज्यों की विधानसभाओं जैसी लोकतांत्रिक संस्थाओं को लेकर बिना तथ्यों के राजनीतिक आरोप प्रत्यारोप नहीं करें।'' उन्होंने कहा, ‘‘हमें लोकतांत्रिक संस्थाओं को मजबूत बनाने का प्रयास करना चाहिए और जिम्मेदारी के साथ काम करना चाहिए।'' धरना, प्रदर्शन को लेकर यह बुलेटिन ऐसे समय में सामने आया है जब एक दिन पहले ही लोकसभा सचिवालय द्वारा जारी असंसदीय शब्दों के संकलन को लेकर कांग्रेस सहित विपक्षी दलों ने सरकार पर निशाना साधा था।

मानसून सत्र से पहले राज्यसभा के महासचिव पी सी मोदी द्वारा जारी बुलेटिन में इस विषय पर सदस्यों से सहयोग का अनुरोध किया गया है। बुलेटिन में कहा गया है, ‘‘सदस्य संसद भवन परिसर का इस्तेमाल धरना, प्रदर्शन, हड़ताल, अनशन या धार्मिक समारोहों के लिये नहीं कर सकते।''

कांग्रेस महासचिव एवं राज्यसभा में पार्टी के मुख्य सचेतक जयराम रमेश ने सरकार पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया, ‘विषगुरू का ताजा प्रहार...धरना मना है।'' उन्होंने इसके साथ 14 जुलाई का बुलेटिन भी साझा किया।संसद में बहस आदि के दौरान सदस्यों द्वारा बोले जाने वाले कुछ शब्दों को असंसदीय शब्दों की श्रेणी में रखे जाने के मुद्दे पर एक दिन पहले विपक्षी दलों ने सरकार को घेरते हुए कहा था कि सरकार की सच्चाई दिखाने के लिए विपक्ष द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले सभी शब्द अब 'असंसदीय' माने जाएंगे।

हालांकि, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने स्पष्ट किया था कि संसदीय कार्यवाही के दौरान किसी शब्द के प्रयोग को प्रतिबंधित नहीं किया गया है बल्कि उन्हें संदर्भ के आधार पर कार्यवाही से हटाया जाता है तथा सभी सदस्य सदन की मर्यादा को ध्यान में रखते हुए अपने विचार व्यक्त करने के लिए स्वतंत्र हैं। लोकसभा सचिवालय ने ‘‘ असंसदीय शब्द 2021 '' शीर्षक के तहत ऐसे शब्दों एवं वाक्यों का नया संकलन तैयार किया है जिसमें जुमलाजीवी, बाल बुद्धि सांसद, शकुनी, जयचंद, लॉलीपॉप, चाण्डाल चौकड़ी, गुल खिलाए, तानाशाह, भ्रष्ट, ड्रामा, अक्षम, पिट्ठू जैसे शब्द शामिल हैं।


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Content Writer

Yaspal

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