सोनिया गांधी ने पीएम मोदी को लिखा पत्र, कोरोना संकट से उभरने के लिए 5 सुझाव

punjabkesari.in Tuesday, Apr 07, 2020 - 04:04 PM (IST)

नेशनल डेस्कः  कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दो पेज का एक बड़ा-सा पत्र लिखकर कोरोना के खिलाफ जंग केंद्र सरकार को आगे क्या करना चाहिए, इस पर पांच सुझाव दिए हैं। सोनिया गांधी ने पत्र में लिखा कि आपसे फोन पर हुई बात में आपने कांग्रेस को कोविड-19 से लड़ने के सुझाव देने के बारे में आग्रह किया था। मैं इसी भावना से यह पत्र लिख रही हूं।

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सोनिया ने लिखा कि सांसदों का वेतन 30 प्रतिशत कम करने के केंद्रीय मंत्रीमंडल के निर्णय का हम समर्थन करते हैं। Covid-19 के खिलाफ जंग के लिए फंड इकट्ठा करना और इसे अतिसंयमित खर्च करना आज के समय की मांग है। इसी सकारात्मक भावना से मैं आपको पांच ठोस सुझाव देती हूं। मुझे विश्वास है कि आप इन्हें लागू करेंगे।

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सोनिया ने दिए ये 5 सुझाव

  • सरकार एवं सरकारी उपक्रमों द्वारा मीडिया विज्ञापनों- टेलीविज़न, प्रिंट एवं ऑनलाइन विज्ञापनों पर 2 साल के लिए रोक लगाई जाए ताकिि उससे बचने वाला पैसा कोरोना संकट से जूझने में लगाया जाए। सिर्फ covid-19 बारे एडवाइजरी या स्वास्थ्य से संबंधित विज्ञापन ही इस बंदिश से बाहर रखे जाएं। केंद्र सरकार मीडिया विज्ञापनों पर हर साल लगभग 1,250 करोड़ रुपए खर्च करती है। इसके अलावा सरकारी एवं सरकारी कंपनियों द्वारा विज्ञापनों पर खर्च की जाने वाली सालाना राशि इससे भी अधिक है। 
  • ‘पीएम केयर्स’ फंड की सारी राशि ‘प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत फंड’ (‘पीएम-एनआरएफ’) में ट्रांसफर की जाए। इससे इस राशि के आवंटन एवं खर्चे में एफिशियंसी, पारदर्शिता, जिम्मेदारी तथा ऑडिट सुनिश्चित हो पाएगा। जनता की सेवा के फंड के वितरण के लिए दो अलग-अलग मद बनाना मेहनत व संसाधनों की बर्बादी है। साथ ही पीएम-एनआरएफ में लगभग 3800 करोड़ रुपए की राशि (वित्तवर्ष 2019 के अंत तक) बिना उपयोग के पड़ी हुई है। इस पड़ी राशि और ‘पीएम-केयर्स’ की राशि को मिलाकर लोगों की मदद की जा सकती है।
  • 20,000 करोड़ रुपए की लागत से बनाए जा रहे ‘सेंट्रल विस्टा’ ब्यूटीफिकेशन एवं कंस्ट्रक्शन प्रोजेक्ट को रद्द किया जाए। नई संसद व उसके नए कार्यालयों के निर्माण की आज की आपातकालीन स्थिति में जरूरत नहीं है। ऐसे संकट के समय में इस खर्च को टाला जा सकता है और इससे बचाई गई राशि का उपयोग नए अस्पतालों व डायग्नोस्टिक सुविधाओं के निर्माण औऱ स्वास्थ्यकर्मियों को पर्सनल प्रोटेक्शन ईक्विपमेंट (‘पीपीई’) एवं बेहतर सुविधाएं प्रदान करने के लिए किया जा सकता है।
  •  भारत सरकार के खर्चे के बजट (वेतन, पेंशन एवं सेंट्रल सेक्टर की योजनाओं को छोड़कर) में भी इसी अनुपात में 30 प्रतिशत की कटौती की जानी चाहिए। यह 30 प्रतिशत राशि (लगभग 2.5 लाख करोड़ रु. प्रतिवर्ष) प्रवासी मजदूरों, श्रमिकों, किसानों, एमएसएमई एवं असंगठित क्षेत्र में काम करने वालों के लिए आवंटित की जाए।
  •  राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्रियों, मुख्यमंत्रियों, राज्य के मंत्रियों तथा नौकरशाहों द्वारा की जाने वाली सभी विदेश यात्राओं को रद्द किया जाए। सिर्फ आपातकालीन और बेहद जरूरी विदेश यात्राओं को ही प्रधानमंत्री परमिशन दें। विदेश यात्राओं पर खर्च की जाने वाली यह राशि (जो पिछले पांच सालों में केवल प्रधानमंत्री एवं केंद्रीय मंत्रियों की विदेश यात्रा के लिए 393 करोड़ रुपए है) कोरोना से लड़ाई में उपयोग की जा सकती है।

 

सोनिया गांधी ने पत्र के आखिर में लिखा कि कोरोना के खिलाफ हर भारतीय ने व्यक्तिगत तौर पर कई त्याग किए हैं। लोगों ने आपके कार्यालय तथा केंद्र सरकार द्वारा दिए गए हर सुझाव, निर्देश एवं निर्णय का पालन किया है। अब विधायिका एवं सरकार द्वारा लोगों के विश्वास व भरोसे पर खरा उतरने का समय आ गया है। बता दें कि प्रधानमंत्री ने सोमवार को विपक्षी नेताओं से फोन पर बात करके उनसे सुझाव मांगे थे। 

 

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Seema Sharma

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