21 जुलाई को ईडी के सामने पेश होंगी सोनिया गांधी, मनी लॉन्ड्रिंग केस में पूछताछ होगी
punjabkesari.in Monday, Jul 11, 2022 - 06:01 PM (IST)
नेशनल डेस्क: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को अखबार ‘नेशनल हेराल्ड' से जुड़े धनशोधन मामले में पूछताछ के लिए 21 जुलाई को एजेंसी के समक्ष पेश होने को कहा है। अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी। ईडी द्वारा सोनिया गांधी (75) को 23 जून के लिए दूसरा समन जारी किया गया था, लेकिन वह उस तारीख पर पेश नहीं हो सकीं, क्योंकि कोविड-19 और फेफड़ों में संक्रमण के कारण अस्पताल में भर्ती होने के बाद चिकित्सकों ने उन्हें घर पर आराम करने की सलाह दी थी। अधिकारियों ने कहा कि गांधी ने समन को चार सप्ताह के लिए स्थगित करने का आग्रह किया था, इसलिए उन्हें 21 जुलाई को एजेंसी के समक्ष पेश होने के लिए कहा गया है।
ED summons Congress interim President Sonia Gandhi to join investigation in the National Herald Case on July 21: Official sources
— ANI (@ANI) July 11, 2022
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कांग्रेस अध्यक्ष को पूर्व में 8 जून को पेशी के लिए नोटिस जारी किया गया था, लेकिन कोरोना वायरस से संक्रमित पाए जाने के बाद उन्हें 23 जून के लिए समन जारी किया गया था। ईडी ने सोनिया के बेटे और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी से इस मामले में पांच दिनों तक कई सत्र में 50 घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की थी। यह जांच कांग्रेस द्वारा प्रवर्तित यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड में कथित वित्तीय अनियमितताओं से संबंधित है, जो नेशनल हेराल्ड अखबार का मालिक है।
सोनिया, राहुल से पूछताछ की कार्रवाई पिछले साल के अंत में ईडी द्वारा धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) की आपराधिक धाराओं के तहत एक नया मामला दर्ज करने के बाद शुरू की गई। इससे पहले, एक निचली अदालत ने 2013 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी द्वारा दायर एक निजी आपराधिक शिकायत के आधार पर यंग इंडियन के खिलाफ आयकर विभाग की जांच का संज्ञान लिया था। सोनिया और राहुल गांधी यंग इंडियन के प्रवर्तकों और बहुलांश शेयरधारकों में से हैं। अपने बेटे की तरह कांग्रेस अध्यक्ष की भी कंपनी में 38 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
स्वामी ने सोनिया, राहुल और अन्य पर धोखाधड़ी और धन का गबन करने की साजिश रचने का आरोप लगाया था और कहा था कि यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड ने 90.25 करोड़ रुपये की वसूली का अधिकार प्राप्त करने के लिए केवल 50 लाख रुपये का भुगतान किया, जो एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) पर कांग्रेस का बकाया था। ईडी ने कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और पवन बंसल से भी इस मामले में अप्रैल में पूछताछ की थी। कांग्रेस ने केंद्र पर जांच एजेंसियों का दुरुपयोग करके विपक्षी नेताओं को निशाना बनाने का आरोप लगाया है और इस मामले में पूरी कार्रवाई को ‘‘राजनीतिक प्रतिशोध'' के तहत उठाया गया कदम बताया है।