CWC की बैठक में सोनिया गांधी के कड़े तेवर, बोलीं- मीडिया के जरिए मुझसे बात करने की जरूरत नहीं

punjabkesari.in Saturday, Oct 16, 2021 - 05:51 PM (IST)

नेशनल डेस्कः कांग्रेस नेतृत्व पर लगातार उठ रहे सवाल के बीच शनिवार को कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) की बैठक हुई। इस बैठक में पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कड़े तेपर दिखाते हुए कहा कि वह ही पार्टी की पूर्णकालिक अध्यक्ष हैं, कांग्रेस के संविधान में कार्यकारी अध्यक्ष जैसा कुछ नहीं है। उन्होंने जी-23 नेताओं को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि मीडिया के जरिए कोई भी नेता मुझसे बात करने की जरूरत नहीं है। वहीं, इस बैठक में राहुल गांधी को फिर से अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव रखा गया, जिसे सीडब्ल्यूसी के नेताओं ने अपनी मंजूरी दे दी है। अगर सबकुछ ठीक रहा तो अगले साल अक्टूबर में कांग्रेस को नया अध्यक्ष मिल जाएगा।

बता दें कि कुछ ही दिन पहले कपिल सिब्बल ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके यह कहा था कि कांग्रेस में कौन फैसले ले रहा है इसका पता नहीं। हालांकि बैठक में जी-23 में शामिल कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में कांग्रेस नेतृत्व पर सवाल उठाने की बात पर सफाई भी पेश की। उन्होंने कहा कि सोनिया जी के नेतृत्व पर कोई सवाल नहीं उठाया जा रहा है। कांग्रेस के जी-23 समूह ने पिछले साल सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखकर पार्टी में बड़े बदलावों और प्रभावी नेतृत्व की बात की थी। इस समूह में  आनंद शर्मा, कपिल सिब्बल, गुलाम नबी आजाद, मनीष तिवारी, भूपिंदर सिंह हुड्डा समेत 23 नेता शामिल हैं।

बैठक से पहले जी-23 के नेताओं के सुर बदले?
वहीं पार्टी के एक नेता ने बताया कि बैठक से पहले जी-23 के नेताओं के सुर बदले नजर आ रहे थे। बैठक की पूर्व संध्या पर जी- 23 के समूह के सदस्यों सहित कई कांग्रेस नेताओं, जो पार्टी ढांचे में व्यापक बदलाव की मांग कर रहे थे, वे यह तर्क देते फिर रहे थे कि पार्टी को अभी चुनाव नहीं करना चाहिए। जबकि कल तक वे पार्टी के हर फैसले पर सवाल उठा रहे थे, प्रभावी नेतृत्व की बात कर रहे थे।

राहुल गांधी के डेढ़-दो साल का कार्यकाल छोड़ दें तो सोनिया गांधी दो दशक से कांग्रेस अध्यक्ष पद संभाली हुई हैं। कांग्रेस अध्यक्ष के तौर पर अपने पहले कार्यकाल में सोनिया गांधी ने 19 साल तक यह जिम्मेदारी उठाई।  वे 2004 से 2017 तक पार्टी अध्यक्ष रहीं। राहुल गांधी के अध्यक्ष पद छोड़ने के बाद वे अंतरिम अध्यक्ष के तौर पर पार्टी का नेतृत्व कर रही हैं। सोनिया गांधी 1998 में पहली बार कांग्रेस अध्यक्ष बनी थीं।

20वीं सदी के आखिरी सालों में जब कांग्रेस का ग्राफ नीचे गिर रहा था तब अपने करिश्माई नेतृत्व से उन्होंने पार्टी को संजीवनी दी और सत्ता में ले कर आईं। 2004 के लोकसभा चुनाव में उनकी राजनीतिक समझ सूझबूझ की विरोधियों ने भी सरहाना की। उन्होंने एक प्रभावी गठबंधन तैयार किया और कांग्रेस के नेतृत्व में यूपीए की केंद्र में सरकार बनाई। उन्होंने कई बार अपनी पार्टी को संकटों से उबारा है। 


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Content Writer

Yaspal

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