देश में झुग्गी-बस्तियों को कम्युनिटी ट्रांसमिशन का सबसे अधिक खतरा

punjabkesari.in Saturday, Jun 13, 2020 - 11:27 AM (IST)

नई दिल्ली: भारतीय मैडीकल शोध परिषद (आई.सी.एम.आर.) का कहना है कि हालांकि अभी देश में कोरोना का कम्युनिटी ट्रांसमिशन नहीं हुआ है, परंतु यदि ऐसे हालात बनते हैं तो झुग्गी-बस्तियों में रहने वाली आबादी को इससे सबसे अधिक खतरा है। आई.सी.एम.आर. ने पहले सीरो-सर्वे के निष्कर्ष के आधार पर यह बात कही है। सर्वे के आंकड़ों का आकलन कर यह पता चला है कि ग्रामीण आबादी की तुलना में शहरी आबादी को कम्युनिटी ट्रांसमिशन का खतरा 1.08 गुना, जबकि शहरी झुग्गी-बस्तियों को 1.89 गुना खतरा है। आई.सी.एम.आर. ने अन्य एजैंसियों के साथ मिलकर मई में सीरो-सर्वे किया था, जिसमें 83 जिलों में 28,595 घरों तथा 26,400 लोगों को शामिल किया गया। आई.सी.एम.आर. के महानिदेशक बलराम भार्गव ने कहा कि देश में संक्रमण से मृत्युदर मात्र 0.08 प्रतिशत है, जो कि बहुत न्यूनतम है। इसका मतलब हुआ कि लॉकडाऊन सफल रहा है।

 

दिल्ली व महाराष्ट्र सहित 5 राज्यों में हो  जाएगी बैडों और वैंटीलेटरों की कमी
केंद्र सरकार ने चेतावनी दी है कि देश में कोरोना के लगातार बढ़ते मामलों को देखते हुए ऐसा लगता है कि जून और अगस्त के मध्य में संक्रमण के गंभीर हालात बनने पर सर्वाधिक प्रभावित पांच राज्यों महाराष्ट्र, तमिलनाडु, गुजरात, दिल्ली और उत्तर प्रदेश में बैडों व वैंटीलेटरों की कमी हो जाएगी।  केंद्र सरकार का यह आकलन कैबिनेट सचिव राजीव गौबा की वीडियो कांफ्रैंसिंग से राज्यों के मुख्य सचिवों व स्वास्थ्य सचिवों के साथ बैठक में दिए गए प्रैजेंटेशन में रखा गया। सबसे पहले दिल्ली की बात करें तो कोरोना के बढ़ते मामलों व क्षमता की कमी को लेकर भाजपा व केंद्र सरकार से ‘आप’ सरकार के लड़ाई-झगड़े के बीच यहां आई.सी.यू. बैड, वैंटीलेटरों व ऑक्सीजन वाले आइसोलेशन बैडों की कमी आने वाली है। महाराष्ट्र में जुलाई में वैंटीलेटर्स तथा अगस्त में आई.सी.यू. बैडों की कमी होने का अनुमान है। तमिलनाडु में जुलाई में आई.सी.यू. बैड, वैंटीलेटर्स और ऑक्सीजन वाले आइसोलेशन बैडों की कमी हो सकती है। इसी तरह की कमी का आकलन मध्य प्रदेश, प. बंगाल, हरियाणा, कर्नाटक और जम्मू-कश्मीर के लिए भी किया गया है।

 

2 महीने स्वास्थ्य सुविधा बढ़ाने पर ध्यान लगाएं राज्य
इन राज्यों से कहा गया है कि वे अगले 2 महीनों में योजना बनाकर अपनी क्षमता में कमी दूर करने के लिए अस्पताल वाली क्षमता व स्वास्थ्य सुविधाएं बढ़ाने पर सारा ध्यान लगाएं।

 

यह होता है सीरो-सर्वे
सीरो-सर्वे में जो ब्लड सैंपल लिए गए उन्हें आई.एन.जी. एंटीबॉडीज के लिए टैस्ट किया गया। यदि सैंपल पॉॅजीटिव निकलता है तो उसका अर्थ हुआ कि व्यक्ति कोरोना से ग्रस्त रह चुका है।


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vasudha

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