40 मरीजों को दी गई एंटीबॉडी कॉकटेल की सिंगल डोज, एक दिन में कोरोना लक्षण खत्म होने का दावा

punjabkesari.in Sunday, Jun 13, 2021 - 12:07 PM (IST)

नेशनल डेस्क: हैदराबाद स्थित एशियन इंस्‍टीट्यूट ऑफ गैस्‍ट्रोएंट्रोलॉजी में कोरोना के करीब 40 मरीजों को मोनोक्‍लोनल एंटीबॉडी (Monoclonal Antibody) की सिंगल डोज ड्रग कॉकटेल दी गई। एशियन इंस्‍टीट्यूट ऑफ गैस्‍ट्रोएंट्रोलॉजी का दावा है कि जिन मरीजों को कॉकटेल दवा दी गई उनमें 24 घंटे के अंदर ही कोरोना के लक्षण गायब हो गए। अस्‍पताल के चेयरपर्सन डॉ. नागेश्‍वर रेड्डी के मुताबिक 24 घंटे में ही मरीज बुखार समेत अन्‍य लक्षणों से ठीक हो गए। वहीं एशियन इंस्‍टीट्यूट ऑफ गैस्‍ट्रोएंट्रोलॉजी यह पता लगाने की कोशिश कर रहा है कि क्या यह थैरेपी कोरोना के अत्‍यधिक जानलेवा डेल्टा वैरिएंट के खिलाफ प्रभावी है या नहीं।

 

डॉ. रेड्डी के मुताबिक अमेरिका में हुए यह सिंगल डोल एंटीबॉडी ड्रग थैरेपी कोरोना के ब्रिटिश, ब्राजीलियाई और दक्षिण अफ्रीकी वैरिएंट पर प्रभावी है लेकिन अभी तक किसी ने भी इसे डेल्‍टा वैरिएंट पर टेस्‍ट नहीं किया है इसलिए हम इस पर शोध कर रहे हैं। डॉ. रेड्डी ने बताया कि अभी हमारे पास 40 लोगों पर किए गए शोध के नतीजे हैं जिनमें करीब 100 फीसदी मामलों में किए गए RT-PCR टेस्‍ट में कोरोना नहीं पाया गया है।

 

बता दें कि अमेरिका के पूर्व राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप को जब कोरोना हुआ था तो उन्‍हें भी मोनोक्‍लोनल एंटीबॉडी ड्रग थैरेपी दी गई थी। मोनोक्‍लोनल थैरेपी के जरिये कोरोना के हल्‍के लक्षण वाले मरीजों में महामारी की गंभीरता को कम किया जाता है। एंटीबॉडी की सिंगल डोज कॉकटेल कोरोना मरीजों को संक्रमण के 3 से 7 दिन के अंदर दी जाती है। मोनोक्‍लोनल एंटीबॉडी के ड्रग कॉकटेल के लिए दो दवाओं कैसिरिविमैब और इंडेविमैब को इस्‍तेमाल किया जाता है। भारत में इसकी कीमत 70 हजार रुपए या 1000 अमेरिकी डॉलर है। वहीं अमेरिका में इसकी असल कीमत 20 हजार डॉलर है।


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Content Writer

Seema Sharma

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