ब्रिटिश सिख एसोसिएशन का आरोप, कहा पैसों के लिए विदेशों के गुरुद्वारों पर कब्जा चाहता है आतंकी पन्नू

punjabkesari.in Thursday, Dec 02, 2021 - 05:27 PM (IST)

नेशनल डेस्क: प्रमुख ब्रिटिश भारतीय राजनेता और सत्तारूढ़ टोरी पार्टी के नेता व ब्रिटिश सिख एसोसिएशन के अध्यक्ष लॉर्ड रामी रेंजर ने अलगाववादी समूह सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) और गुरपतवंत सिंह पन्नू के फंडिंग के स्रोतों पर सवाल उठाया है। लॉर्ड रामी रेंजर के अनुसार एसएफजे में पन्नू और अन्य लोग सिख जनता को गुमराह कर रहे हैं क्योंकि वे पश्चिम में गुरुद्वारों से चंदा लेना चाहते थे। उन्होंने कहा कि वह जनता को गुमराह कर रहे हैं कि पंजाब में अत्याचार हो रहे हैं और सिखों के साथ बुरा व्यवहार किया जा रहा है। वह कहते हैं कि यह सब बकवास है, ताकि गुरुद्वारों में आने वाले पैसे पर कब्जा किया जा सके।  पंजाब में कुछ नहीं हो रहा है। लॉर्ड रेंजर ने कहा कि भारतीय पंजाब में सिखों को खालिस्तान में कोई दिलचस्पी नहीं थी, लेकिन पन्नू और अन्य खालिस्तानी समूहों ने दूसरे देशों में भारत सरकार के लिए परेशानी पैदा की।

जनमत संग्रह में कई सिखों ने किया आंशिक मतदान
लार्ड रेंजर ने कहा कि भारत सरकार द्वारा पन्नू को एक आतंकवादी घोषित किया गया है और उसके खिलाफ कई राजद्रोह के मामले दर्ज हैं। भारत के सिखों के लिए खालिस्तान की स्थापना के जनमत संग्रह अभियान ने यूनाइटेड किंगडम और अन्य जगहों पर सिख समुदाय के भीतर विभाजन पैदा कर दिया है। उन्होंने कहा कि हाल ही में ब्रिटेन के विभिन्न शहरों में हो रहे जनमत संग्रह में कई सिखों ने आंशिक रूप से एक अलग देश के लिए मतदान किया है। जनमत संग्रह का आयोजन सिख फॉर जस्टिस द्वारा किया जाता है, जो अमेरिका स्थित अलगाववादी समूह है जो पंजाब को भारत से अलग करने की मांग करता है। इसका नेतृत्व आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू करते हैं, जो 2007 से एसएफजे संगठन चला रहे हैं।

विदेशों के 99.9 प्रतिशत सिख नहीं चाहते है खालिस्तान
पाकिस्तानी मीडिया को दिए एक इंटरव्यू में लॉर्ड रामी रेंजर ने उन अलगाववादी समूहों की आलोचना की जो भारत को विभाजित करना चाहते हैं। वह कहते हैं कि कोई भी जनमत संग्रह जो भारत के बाहर है, केवल भारत सरकार को शर्मिंदा करने के लिए किया जाता है। भारत अब पहले जैसा खंडित देश नहीं रहा है। भारत अब एक अखंड देश है, एक बहुत शक्तिशाली देश जो एक इंच भी जमीन नहीं देगा। लॉर्ड रामी रेंजर  ने कहा कि 99.9 प्रतिशत सिख खालिस्तान नहीं चाहते हैं। उन्होंने कहा कि जो सिख कनाडा और अन्य जगहों पर खालिस्तान के लिए प्रचार कर रहे हैं, वे असंतुष्ट सिख हैं। वे  स्वर्ण मंदिर पर 1984 के हमले के बाद सक्रिय हो गए थे। वह कहते हैं कि स्वर्ण मंदिर पर हमला कांग्रेस सरकार द्वारा करवाया गया था। इसलिए आप सरकार के साथ मतभेद कर सकते हैं लेकिन देश के साथ आपका मतभेद नहीं हो सकता है।

जनमत संग्रह केवल एक नाटक
लॉर्ड रेंजर ने कहा कि  खालिस्तान आंदोलन से पहले 20 फीसदी सिख भारतीय सेना में थे। इनकी आबादी 2 फीसदी से भी कम है। खालिस्तान जनमत संग्रह केवल एक नाटक था और इसके नेता स्वयंभू थे। उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने एसएफजे को आतंकवादी संगठन घोषित कर दिया है। भारत सरकार ने भी ब्रिटिश सरकार से बात करके उनसे भी ऐसा ही करने को कहा है। यह भी निश्चित नहीं है कि 30,000 लोगों ने मतदान किया। वे 3000 या 300,000 कह सकते हैं लेकिन भारत या ब्रिटेन या सिखों के लिए इसका कोई मूल्य नहीं है। वे सिर्फ लोगों को अपनी दुकान चलाने के लिए उकसाना चाहते हैं। रेंजर कहते है कि कोई शक्तिशाली एजेंसी इस पैसे का भुगतान कर रही होगी। पन्नू बहुत गरीब था लेकिन अब उसने वहां पर 10 लाख पाउंड में एक घर खरीद लिया है। इससे पहले उनके नाम पर कुछ भी नहीं था। वह पहले दरिद्र था।


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Content Writer

Anil dev

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