सीएए पर बोले शशि थरूर, मैं यह नहीं कहूंगा कि जिन्ना जीत गए, लेकिन वह जीत रहे हैं

punjabkesari.in Sunday, Jan 26, 2020 - 09:36 PM (IST)

नेशनल डेस्कः कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून के मामले में राज्यों का जो विरोध है, उस पर केंद्र सरकार को ध्यान देना चाहिए। जयपुर साहित्य उत्सव में उन्होंने कहा कि जब केंद्र एनपीआर या एनआरसी करना चाहेगी, तब राज्यों का सहयोग जरूरी होगा और उस समय राज्य मना कर देंगे तो केंद्र क्या करेगा। उन्होंने कहा कि धर्म के आधार पर नागरिकता देने का विचार पाकिस्तान का है। कांग्रेस नेता शशि थरूर से जब पूछा गया कि सीएए कार्यान्वयन मोहम्मद अली जिन्ना के दो-राष्ट्र सिद्धांत को पूरा करता है तो उन्होंने कहा कि मैं यह नहीं कहूंगा कि जिन्ना जीत गए हैं, लेकिन वह जीत रहे हैं।

कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि अगर सीएए, एनपीआर और एनआरसी की ओर जाता है, तो वह उसी लाइन को आगे बढ़ाएगा। और अगर ऐसा होता है, तो आप कह सकते हैं कि जिन्ना की जीत पूरी हो गई है। जिन्ना जहां भी हैं, वे कहेंगे कि वह सही थे कि मुसलमान एक अलग राष्ट्र के लायक हैं क्योंकि मुसलमानों के साथ हिंदू न्याय नहीं कर सकते।

इससे पहले जयपुर साहित्य उत्सव में शुक्रवार को कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा था कि दक्षिणपंथी नेता वीर सावरकर ने ही सबसे पहले द्विराष्ट्र सिद्धांत का प्रस्ताव सामने रखा था और उसके तीन साल बाद मुस्लिम लीग ने पाकिस्तान प्रस्ताव पारित किया था। उन्होंने यह भी कहा था कि विभाजन के समय सबसे बड़ा सवाल था कि क्या धर्म राष्ट्र की पहचान होना चाहिए।

थरूर ने कहा था कि मुस्लिम लीग द्वारा 1940 में अपने लाहौर अधिवेश में इसे सामने रखने से पहले ही सावरकर इस सिद्धांत की पैरोकारी कर चुके थे। लोकसभा सदस्य ने कहा कि महात्मा गांधी और जवाहरलाल नेहरू और कई अन्य की अगुवाई में भारत में ज्यादातर लोगों ने कहा कि धर्म आपकी पहचान तय नहीं करता, यह आपकी राष्ट्रीयता तय नहीं करता, हमने सभी की आजादी के लिए लड़ाई लड़ी और सभी के लिए देश का निर्माण किया।


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Yaspal

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