सिंगापुर के चीफ जस्टिस सुंदरेश मेनन ने कहा- भारत की सुप्रीम कोर्ट दुनिया की सबसे व्यस्त अदालत

punjabkesari.in Saturday, Feb 04, 2023 - 10:04 PM (IST)

नेशनल डेस्कः सिंगापुर के चीफ जस्टिस सुंदरेश मेनन ने शनिवार को कहा कि विवादों की ‘‘जटिलता'' की समस्या के समाधान के लिए अदालत केवल पारंपरिक तरीकों पर निर्भर नहीं रह सकती है और इसे दूर करने के लिए कट्टर सुधारवादी तरीकों को अपनाना होगा। भारत के सर्वोच्च न्यायालय की 73वीं वर्षगांठ के अवसर पर ‘‘बदलती दुनिया में न्यायपालिका की भूमिका'' विषय पर अपने विचार व्यक्त करते हुए जस्टिस मेनन ने कहा कि विवादों के बेहतर तरीके से निपटारे के लिए न्यायाधीशों को विदेशी कानूनों में हो रहे बदलावों के प्रति संवेदनशील होने की आवश्यकता होगी। उन्होंने कहा, ‘‘विवादों की जटिलता की समस्या को सुलझाने के लिए पारम्परिक मुकदमा प्रबंधन उपायों पर पूरी तरह भरोसा नहीं किया जा सकता। न्यायपालिका को विवादों को कम करने या क्षमता के वास्तविक संकट का सामना करने के लिए नये और कट्टर सुधारवादी तरीकों का इस्तेमाल करना होगा।''

जस्टिस मेनन ने कहा, ‘‘अगर न्यायपालिका विफल होती है, तो यह कानून के शासन के ठप होने की दिशा में ले जाएगा, लेकिन अगर न्यायपालिका हमारे ऊपर मंडरा रहे लंबे संकट से निपटने में सफल होती है, तो वे अपने समाज का मार्गदर्शन करने में मदद कर सकती हैं।'' भारत के प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने भी इस अवसर पर अपने उद्गार व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय का इतिहास भारतीय लोगों के दैनिक जीवन के संघर्षों का इतिहास है। उन्होंने कहा, ‘‘अदालत के लिए कोई बड़ा या छोटा मामला नहीं है - हर मामला महत्वपूर्ण है।''

यह देखते हुए कि भारत का सर्वोच्च अदालत दुनिया में सबसे व्यस्ततम अदालत है, सिंगापुर के चीफ जस्टिस ने कहा कि भारत के जस्टिस सबसे कठिन स्थिति में काम करने वाले न्यायाधीशों में शुमार हैं, क्योंकि उनके पास मुकदमों का बोझ बहुत अधिक है। जस्टिस मेनन ने कहा कि जब अदालत अच्छी तरह से काम करती है, तो यह व्यवस्था के विभिन्न हिस्सों को एकजुट बनाये रखने के लिए एक गोंद के रूप में कार्य करती है। उन्होंने कहा कि न्यायाधीशों को प्रौद्योगिकी की विशाल क्षमता पर भी ध्यान देना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश संजय किशन कौल ने इस अवसर पर स्वागत भाषण दिया, जबकि जस्टिस के एम जोसेफ ने धन्यवाद ज्ञापन किया


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Content Writer

Yaspal

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