धरती के केंद्र में होने वाली हलचलों का वैज्ञानिकों ने लगाया पता, जान कर हैरान हो जायेंगे आप!

punjabkesari.in Thursday, May 14, 2020 - 09:18 PM (IST)

नई दिल्ली/डेस्क। कोरोना महामारी के बीच वैज्ञानिक पृथ्वी से जुड़े कुछ नए संकेतों को लेकर परेशान हैं। इस बीच वैज्ञानिकों के सामने कई तरह के सवाल थे जिनका जवाब खोजते हुए उन्हें धरती के गर्भ से एक ऐसी जानकारी खोज निकाली है जो सभी को हैरान कर रही है।
 
वैज्ञानिकों की खोज से पता लगा है कि धरती का बीच का हिस्सा घूम रहा है। इसे कोर कहते हैं। इस कोर के घूमने से जमीन पर खड़े पहाड़ों की ऊँचाई बढ़ रही है। जमीन खिसक रही है।

सामने आया अध्ययन
इस बारे में अर्बाना कैंपेन में स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ इलिनॉय के वैज्ञानिकों ने बताया है कि इस तरह के धरती पर होने वाले परिवर्तनों को लेकर एक स्टडी की गई है। ये शोध अर्थ एंड प्लेनेटरी साइंस लेटर्स में प्रकाशित किया गया है।

इस यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने अपनी रिसर्च में पाया है कि धरती का केंद्र यानी कोर घूम रहा है। इसकी वजह से ही पृथ्वी पर मौजूद चुंबकीय क्षेत्र में बदलाव देखे जा रहे हैं। इसी के कारण उत्तरी ध्रुव कनाडा से साइबेरिया खिसक गया है।

भूकंप से जुड़ी जानकारी
इस बारे में रिसर्च कर रहे शोध के सहलेखक वैज्ञानिक जियाओडोंग सॉन्ग ने बताया कि 1996 में हमने देखा था कि इस कोर से एक छोटा भूकंप जैसा परिवर्तन हुआ, जो धीरे-धीरे घूम रहा था। हमने इसे जानने के लिए ही तब से गहन अध्ययन शुरू कर दिया।

जियाओडोंग ने यह भी बताया कि हमने अलग-अलग भूकंप आने वाले जगहों के बारे में पता लगाया तो हमें ये जानकारी मिली कि सभी का कोर से जुड़ाव था। उन्होंने यह भी बताया कि कोर के घूमने से ही धरती की परते आपस में टकराती हैं जिससे पहाड़ ऊँचे दिखते हैं।

तो नहीं चल पाता भूंकप का पता
उन्होंने यह भी बताया कि धरती पर आने वाले भूकंप की तरंगे कोर तक जाती है। अगर कोर घूमता नहीं और रुक जाता तो यह अंदर नहीं जा पाती, लेकिन ये कोर के घूमने से अंदर तक जाती है और वापस लौट आती हैं। अगर ये घूमता नहीं तो हमें कभी इन तरंगों के बारे में पता नहीं चल पाता।

भूंकप के केंद्र से...
उन्होंने यह भी बताया कि भूकंप की तरंगों के आने-जाने के बीच का समय और किस दर से भूंकप आया, इससे यह पता चला जाता है कि कोर घूम रहा है। हमने इस बारे में पूरी दुनिया से रिकॉर्ड दर्ज किए हैं, जिससे हमें भूंकप के केंद्रों का पता लगाने में मदद मिली है। हम यह समझ पाए हैं कि अगर धरती के बीच का कोर घूमता नहीं तो हम भूंकप के बारे में जुड़ी जानकारियां कभी नहीं जुटा पाते।  

 

 

 


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Chandan

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