कनाडा की संस्था ने बांधे PM मोदी की तारीफों के पुल, कहा- प्रधानमंत्री ने दुनिया भर में बढ़ाया सिखों का गौरव

punjabkesari.in Tuesday, Jan 18, 2022 - 04:54 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्कः कनाडा में सिखों की एक संस्था ने सिख समुदाय के कल्याण और उनका गौरव बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का धन्यवाद किया है। कनाडा के बीसी की सतनाम एजुकेशन सोसायटी के अध्यक्ष रिपुदमन सिंह मलिक ने एक पत्र में PM मोदी की तारीफों के पुल बांधते हुए कहा कि  सिखों की लंबे समय से चली आ रही मांगों को पूरी कर मोदी ने पूरे विश्व के सिखों का दिल जीत लिया है। मलिक ने गुरु गोबिंद सिंह के साहिबजादों की याद में 26 दिसंबर को  'वीर बाल दिवस' मनाने के फैसले का स्वागत करते हुए इसके लिए दिल से प्रधानमंत्री मोदी का आभार जताया। उन्होंने  कहा कि प्रधानमंत्री  ने बीते 6 वर्षों में सिख समुदाय के कल्याण और उनका गौरव वापस दिलाने के लिए अनेक कार्य किए हैं। 

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मलिक ने कहा कि मोदी ने प्रधानमंत्री पद की शपथ  लेने के बाद से ही ऐसा कोई मौका नहीं छोड़ा जब पंजाब प्रांत और सिख समुदाय की उन्नति के लिए कदम नहीं उठाए। रिपुदमन सिंह मलिक ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सत्ता में आने के बाद 1984 के सिख दंगों के आरोपियों को सजा दिलाने का काम किया। 1984 में हजारों की संख्या में सिखों का कत्लेआम किया गया था, लेकिन कांग्रेसी सरकारों ने आरोपियों पर कार्रवाई करने के बजाय उन्हें बचाने का काम किया था। पीएम मोदी ने सत्ता संभालते ही सिख दंगों की जांच के लिए SIT का गठन किया और पीड़ित परिवारों को इंसाफ दिलाया। यह पीएम मोदी की कार्रवाई का ही नतीजा है कि सिखों के कत्लेआम के दोषी सज्जन कुमार जैसे कांग्रेस नेता आज सलाखों के पीछे हैं।

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इतना ही नहीं PM मोदी के प्रयासों से ही 35 वर्षों के बाद सिख दंगों के पीड़ियों को अनुदान राशि भी स्वीकृत की गई। कांग्रेस पार्टी की सरकार ने साजिश के तहत सिख दंगों के दौरान बाहर गए सिखों को काली सूची में डाल दिया था और यह सूची  35 वर्षों से चली आ रही थी। इस सूची में जिन लोगों के नाम थे वे समाज और देश से पूरी तरह से कटे हुए थे। मोदी सरकार ने सिखों की उस काली सूची को खत्म करके उन्हें देश और समाज से जोड़ने का काम किया है। यही नहीं  मोदी सरकार ने पूरी दुनिया, विशेष रूप से यूरोप और अमेरिका में कई वर्षों से राजनीतिक संरक्षण लेने वाले 50 हजार से अधिक सिख नौजवानों की चिंता को खत्म किया। मोदी सरकार ने इन सिख युवकों को दोबारा पासपोर्ट जारी किया, जिससे वे आसानी से भारत आ सके और दुनिया में कहीं भी आने-जाने के लिए स्वतंत्र हुए।


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प्रधानमंत्री मोदी और उनकी सरकार के प्रयासों का ही नतीजा है कि दशकों बाद सिखों की मांग पूरी हुई और करतारपुर कॉरिडोल खोला गया। करतारपुर साहिब गुरुद्वार का सिखों के लिए विशेष महत्व है, क्योंकि इसी गुरुद्वारे में गुरुनानक देव जी ने अपने जीवन का आखिरी समय बिताया था। लेकिन आजादी के बाद कांग्रेस सरकार की लचर नीति की वजह से यह गुरुद्वारा पाकिस्तान की सीमा में चला गया।

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देश ही नहीं दुनिया में बसे करोड़ों सिख समुदाय के लोग करतारपुर कॉरिडोर को खोलने की मांग दशकों से कर रहे थे, जिसे मोदी सरकार ने पूरा किया है।उन्होंने आभार जताते हुए कहा कि 1984 में सिख दंगों के बाद से अमृतसर के गोल्डन टेंपल यानि श्री हरमिंदर साहिब गुरुद्वार के विदेशों से दान लेने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था लेकिन मोदी सरकार ने इस प्रतिबंध को हटाने का काम किया। अब विश्व के किसी भी देश के लोग श्री हरमिंदर साहिब गुरुद्वारे में दान दे सकते हैं। मोदी सरकार ने देश के धार्मिक दृष्टि से पांच बड़े शहरों के आधुनिकीकरण की योजना बनाई है।

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पीएम मोदी की पहल पर इस सूची में अमृतसर का नाम जोड़ा गया, क्योंकि वहां सिख आस्था का प्रतीक, विश्व प्रसिद्ध गोल्डल टेंपल मौजूद है। इस योजना के तहत गोल्डल टेंपल के आसपास कॉरिडोर बनाने के लिए मोदी सरकार करोड़ों रुपये स्वीकृत किए हैं। रिपुदमन सिंह ने कहा कि वह 1986 से खालसा स्कूलों की श्रृंखला को चला रहे हैं और उनका मकसद  गुरुओं द्वारा दिए "सरबत का भला" के मार्ग पर चलकर मानवता की भलाई के लिए कार्य करना है।

 


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Content Writer

Tanuja

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