NEET-PG काउंसलिंग में देरी को लेकर दिल्ली में रेजिडेंट डॉक्टरों का प्रदर्शन

punjabkesari.in Tuesday, Dec 28, 2021 - 07:16 AM (IST)

नई दिल्लीः दिल्ली के दर्जनों रेजिडेंट डॉक्टरों ने नीट-पीजी काउंसलिंग में देरी को लेकर अपना आंदोलन तेज करते हुए सोमवार को सांकेतिक रूप से "अपने लैब कोट लौटा दिए" और सड़कों पर मार्च निकाला। डॉक्टरों का आंदोलन जारी रहने से केंद्र द्वारा संचालित तीन अस्पतालों - सफदरजंग, आरएमएल और लेडी हार्डिंग अस्पतालों के साथ ही दिल्ली सरकार के कुछ अस्पतालों में मरीजों का इलाज प्रभावित हुआ।

फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन पिछले कई दिनों से विरोध प्रदर्शन कर रहा है। एसोसिएशन के अध्यक्ष मनीष ने दावा किया कि बड़ी संख्या में प्रमुख अस्पतालों के रेजिडेंट डॉक्टरों ने सोमवार को विरोध स्वरूप प्रतीकात्मक तौर पर अपना एप्रन (लैब कोट) वापस कर दिया। उन्होंने कहा, "हमने मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज (एमएएमसी) परिसर से उच्चतम न्यायालय तक मार्च करने की भी कोशिश की, लेकिन जैसे ही हमने शुरू किया, सुरक्षाकर्मियों ने हमें आगे बढ़ने से रोक दिया।"

मनीष ने यह भी आरोप लगाया कि कई डॉक्टरों को पुलिस ने "हिरासत में" लिया और उन्हें थाना परिसर ले जाया गया। कुछ समय बाद उन्हें रिहा कर दिया गया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस बल का इस्तेमाल किया गया जिससे कुछ डॉक्टर घायल हो गए।

एसोसिएशन ने अपने ट्विटर हैंडल में पुलिस कर्मियों और प्रदर्शनकारियों के बीच हाथापाई की तस्वीरें पोस्ट की। हालांकि, पुलिस ने अपनी ओर से लाठीचार्ज या अभद्र भाषा के आरोप से इनकार किया और कहा कि 12 प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया और बाद में उन्हें रिहा कर दिया गया। उन्होंने कहा कि छह से आठ घंटे तक प्रदर्शनकारियों ने आईटीओ रोड को जाम कर दिया। उनसे बार-बार अनुरोध किया गया कि वे वहां से हट जाएं, लेकिन उन्होंने इसकी अनसुनी कर दी।

एक पुलिस अधिकारी के अनुसार, "हमने एसोसिएशन के सदस्यों से बात की और मामले को सुलझाने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने सड़कों को जाम ही रखा।" पुलिस के मुताबिक, जब प्रदर्शनकारियों को सड़कों से हटाया जा रहा था तो उन्होंने पुलिसकर्मियों की वर्दी फाड़ने की कोशिश की। उन्होंने पुलिस वाहन के शीशे तोड़ दिए और जवानों के साथ दुर्व्यवहार किया।


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Content Writer

Pardeep

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