इस बच्चे का दर्द सुन आपकी भी भर आएंगी आंखें, रतन टाटा ने शेयर किया ये भावुक Video
punjabkesari.in Wednesday, Feb 19, 2020 - 11:23 AM (IST)
बिजनेस डेस्क: टाटा ग्रुप के चेयरमैन रतन टाटा को भला कौन नहीं जानता। कामयाबी के शिखर पर पहुंची इस हस्ती ने अपनी एक अलग पहचान बनाई है। भले ही उन्होंने अपने काम से रिटायरमेंट ले ली है लेकिन आज भी उन्हे दमदार बिजनेसमैन के रूप में ही जाना जाता है। दिलचस्प बात यह है कि 82 साल की उम्र में भी वह सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय हैं। हाल ही में उन्होंने एक वीडियो शेयर की है, जिसे देख हर किसी की आंखे भर आई।
In Mumbai, only 50,000 sanitation workers are working in difficult conditions every day. As a @tatatrusts initiative, Mission Garima is working to provide safe, hygienic and humane working conditions for them via #TwoBinsLifeWins to reduce the burden on these hardworking workers. pic.twitter.com/Wkd2Mouj48
— Ratan N. Tata (@RNTata2000) February 18, 2020
रतन टाटा द्वारा शेयर किया गया यह वीडियो Tata Trust की पहल 'मिशन गरिमा' के अंतर्गत बनाया गया है जो सफाईकर्मियों को 'स्वच्छ, सुरक्षित और मानवीय कार्यस्थल की परिस्थियों को मुहैया कराता है। टाटा ने इस वीडियो को शेयर करते हुए लिखा '23 मिलियन निवासियों के शहर, मुंबई में स्वच्छता कर्मियों के रूप में केवल 50,000 व्यक्ति कार्यरत हैं और वे हर दिन कठिन परिस्थितियों में काम करते हैं. मिशन गरिमा उन सफाई कर्मचारियों के लिए काम कर रही है। जो शहर में अकल्पनीय काम कर रहे हैं। ताकी हम सफाई से रह सकें'।
यह विज्ञापन एक स्कूली छात्र के साथ शुरू होता है, जो अपने पिता के लिए एक कविता सुना रहा है। वह कहता है 'मेरा बाबा देश चलाता है.'उसके पिता राजनेता, डॉक्टर, पुलिस या फिर आर्मी के जवान नहीं हैं। अगर नहीं जाएगा मेरा बाबा काम पर तो रुक जाएगा इंडिया का हर घर। फिर कहता है कि उसके पिता वो काम करते हैं जो कोई पिता नहीं करना चाहेगा। दरअसल इस वीडियो में बताया गया है कि कैसे उसके पिता जान जोखिम में डालकर देश की सफाई का काम कर रहे हैं। इसमें यह भी बताया गया है कि 'मुंबई में 2.3 करोड़ लोग रहते हैं, जिसमें सिर्फ 50 हजार सफाईकर्मी हैं। वे बेहद मुश्किल परिस्थितियों में काम कर रहे हैं।
सोशल मीडिया पर यह वीडियो तेजी से वायरल हो रही है, जिसे लोग खूब पसंद कर रहे हैं। टाटा ने अपने इस पोस्ट में पाठकों से स्वच्छता कर्मियों पर बोझ को कम करने के लिए उनके बायोडिग्रेडेबल और गैर-बायोडिग्रेडेबल कचरे को अलग करने का भी आग्रह किया। उन्होंने लिखा कि आखिरकार, यह देश हम में से हर एक व्यक्ति द्वारा चलाया जाता है।