नवरात्रों में अपने जन्मस्थान से थोड़ी दूर मंदिर में विराजेंगे रामलला, भक्त खुलकर कर सकेंगे दर्शन

punjabkesari.in Monday, Mar 02, 2020 - 11:27 AM (IST)

नेशनल डेस्कः करीब 70 साल से ज्यादा समय के बाद रामलला अपने मंदिर से बाहर निकलेंगे और अपने जन्मस्थान से थोड़ी दूरी पर एक अस्थाई मंदिर में विराजेंगे। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने रविवार को बताया कि 25 मार्च 2020, यानी चैत्र नवरात्र के पहले दिन अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि परिसर में नए स्थान पर अस्थायी मंदिर में श्री रामलला विराजमान हो जाएंगे जिससे श्रद्धालुओं को पहले की तुलना में कम चलना होगा और निकट से दर्शन लाभ हो सकेगा। मौजूदा समय में रामलला के दर्शन 52 फुट की दूरी से एक या दो सैकेंड के लिए लोग कर पाते हैं, लेकिन ऐसी व्यवस्था की जाएगी कि यह दूरी घटकर 26 फुट रह जाए और लोग एक से दो मिनट तक दर्शन का लाभ ले सकें तथा लोग आरती में भी शामिल हो सकें। 

 

चंपत राय ने रविवार को यहां इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र में आयोजित ‘अयोध्या पर्व’ के समापन समारोह को संबोधित करते हुए बताया कि अस्थायी मंदिर के निर्माण एवं रामलला की प्रतिमा को स्थानांतरित करने के लिए प्रशासन को 15 दिनों का वक्त दिया गया है। उन्होंने बताया कि 29 फरवरी को नृपेंद्र मिश्र के साथ भारत सरकार की कंपनी एन.बी.सी.सी. के पूर्व अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक अरुण कुमार मित्तल और निजी क्षेत्र की निर्माण कंपनी लार्सन एंड टुब्रो के प्रमुख इंजीनियर दिवाकर त्रिपाठी ने गर्भगृह एवं मंदिर परिसर का दौरा किया। लार्सन एंड टुब्रो ने श्रीराम मंदिर का निर्माण करने और इसके लिए कोई धन नहीं लेने की पेशकश की। इस बारे में हालांकि कोई भी निर्णय न्यासी मंडल की बैठक में लिया जाएगा। राय ने कहा कि हम चाहते हैं कि श्री रामजन्मभूमि पर भव्य मंदिर की आयु कम से कम 500 साल तक हो इसलिए मिट्टी की जांच होनी जरूरी है जिसका काम तकनीकी टीम कर रही है। मंदिर कंक्रीट का नहीं बनेगा क्योंकि कंक्रीट की उम्र अधिकतम 100 साल मानी जाती है। जहां तक लोहे की बात है, उसमें जंग लगने की संभावना अधिक होती है, लिहाजा मंदिर का निर्माण राजस्थान के गुलाबी बलुआ पत्थरों से किया जाएगा। राष्ट्रपति भवन भी इसी पत्थर से निर्मित है।

 

दिल्ली में होगा मंदिर निर्माण की भूमि पूजन की तारीख का ऐलान
श्रीराम जन्म भूमि ट्रस्ट निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने संकेत दिया है कि भव्य मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन का ऐलान अब नई दिल्ली में होगा। इसके पहले निर्माण क्षेत्र की दिग्गज कंपनियों से करार हो सकता है। मिश्र ने श्रीराम जन्म भूमि परिसर का 3 घंटे तक निरीक्षण किया। वहीं ट्रस्ट की ओर से कहा गया कि दिनभर की बैठकों में तय हुआ कि पहले इंजीनियरों की टीम तकनीकी परीक्षण करेगी, इसकी रिपोर्ट 25 मार्च तक मांगी जाएगी। फिर ट्रस्ट की बैठक तय होगी, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भूमि पूजन कराने के लिए शुभ मुहूर्त की घोषणा की जाएगी।


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Seema Sharma

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