कृषि बिल पर बोले राजनाथ सिंह- खत्म नहीं होगी एमएसपी, विपक्ष कर रहा किसानों को गुमराह

punjabkesari.in Sunday, Sep 20, 2020 - 08:08 PM (IST)

नई दिल्लीः कृषि बिल को लेकर जिस तरह से आज राज्य सभा में विपक्ष ने हंगामा किया उसे लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कड़ी निंदा की है। राजनाथ सिंह ने कहा कि आज जो हुआ उससे संसदीय गरिमा को गहरी चोट पहुंची है। उन्होंने कहा कि मैं नहीं मानता कि सरकार कभी किसानों को नुकसान पहुंचाएगी। कृषि विधेयक को लेकर आज केंद्र सरकार के 6 मंत्रियों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान राजनाथ सिंह ने कहा कि कोई एमएसपी खत्म नहीं हो रही है, उन्होंने कहा कि इस बिल से किसानों की आय दुगुनी होगी। एमएसपी को लेकर किसानों के गुस्से पर राजनाथ सिंह ने कहा, "मैं दो टूक शब्दों में तहे दिल से देश के किसान भाइयो को संदेश देना चाहता हूं कि किसी भी सूरत में एमएसपी खत्म नहीं होगी। एपीएमसी भी किसी भी सूरत में खत्म नहीं होगी। मैं किसान भाइयो को आश्वासन देना चाहता हूं। मैं भी किसान हूं।
PunjabKesari
कृषि संबंधी विधेयक पर बोलते हुए सिंह ने कहा कि यह दोनों विधेयक किसान और कृषि जगत के लिए एतिहासिक हैं, इसे लागू करने से किसानों की आमदनी बढ़ेगी। किसानों के बीच गलतफहमी पैदा की जा रही है, एमएसपी समाप्त कर दी जाएगी, एपीएमसी समाप्त कर दी जाएगी। उन्होंने कहा कि हकीकत यह है कि किसान अपना माल भारत में कहीं भी बेच सकता है। न तो एपीएमसी समाप्त हो रही है, न एमएसपी समाप्त हो रही है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने बराबर एमएसपी बढ़ाया है और यह वादा किया था कि किसानों की आमदनी को दोगुनी करेंगे, इस लक्ष्य को हासिल करने में मदद मिली है। लेकिन हम इसे और आगे ले जाना चाहते हैं।

कांग्रेस बोली- इतिहास का काला दिन
कांग्रेस ने कहा है कि राज्यसभा में किसान संबंधी विधेयक को जिस तरह से पारित कराया गया है वह असंवैधानिक तथा किसानों के खिलाफ है और इससे आज के दिन को देश के इतिहास में ‘काला दिन' के रूप में याद किया जाएगा। कांग्रेस नेता अहमपद पटेले, प्रताप सिंह बाजवा, अभिषेक मनु सिंघवी तथा शक्तिसिंह गोहिल ने रविवार को यहां संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा कि इस विधेयक को राज्यसभा में जिस तरह से पारित कराया गया है वह लोकतंत्र की हत्या है। सरकार के इसी रवैये को देखते हुए पार्टी उसके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाई है। उन्होंने कहा कि सरकार पहले भी मनमानी करती रही है। वह पहले भूमि अधिग्रहण विधेयक लेकर आयी थी लेकिन उसे इस विधेयक को वापस लेना पडा और अब खेती को कारपोरेट क्षेत्र को देना चाहते हैं।

न्यूनतम समर्थन मूल्य को लेकर जो बयान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दे रहे हैं उसमें सत्यता नहीं है। यह कानून पूरी तरह से किसानों के खिलाफ है और इससे उन्हें भारी नुकसान होगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के घोषणा पत्र में किसानों के संबंध में जो बात भारतीय जनता पार्टी कह रही है उसमें सच्चाई नहीं है और जब सरकार से इस बारे में सवाल पूछे जा रहे हैं तो उस पर वह कोई जवाब नहीं दे रही है।
PunjabKesari
कांग्रेस नेता प्रताप सिहं बाजवा ने कहा कि यह विधेयक इस समय लाने की जरूरत नहीं थी। इससे किसानों को भारी नुकसान होने वाला है। उनका कहना था कि इस समय पूरी सेना गलवान घाटी में चीन से मुकाबले के लिए खडी है और देश के समक्ष एक संकट है इसलिए विधेयक इस समय नहीं लाया जाना चाहिए था। अगर यह विधेयक लाना ही था तो अगले साल लाया जा सकता था लेकिन सरकार को अपने कारपोरेट मित्रों का जल्द फायदा पहुंचाना था इसलिए वह यह विधेयक लेकर आयी है।

सिंघवी ने कहा कि विपक्ष ने मत विभाजन मांगा लेकिन सरकार ने क्रूरता से कानून पारित कर दिया और नियमों की धज्जियां उडा दी है। यह विधेयक संघीय ढांचे के विरुद्ध है। सरकार ने दिखा दिया है और उसका विश्वास टूटा हुआ है कि वह कोई विधेयक अपने बलबूते पर पारित नहीं करा सकती इसलिए सरकार ने यह विधेयक ऐसी स्थिति में पारित कराया है। नियमानुसार यह पारित ही नहीं हुआ है। इसी स्थिति को देखते हुए कांग्रेस ने व्यापक अविश्वास का प्रस्ताव पेश किया है। 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Yaspal

Recommended News

Related News