इंडियन रेलवे की राजस्व जुटाने की नई योजना, ग्राहकों का डाटा बेचकर 1000 करोड़ जुटाएगा

punjabkesari.in Friday, Aug 19, 2022 - 08:36 PM (IST)

नेशनल डेस्क: रेलवे ने यात्रियों एवं मालढुलाई उपभोक्ताओं से जुड़े आंकड़ों की बिक्री (मौद्रीकरण) कर 1,000 करोड़ रुपये जुटाने के लिए एक सलाहकार की सेवाएं लेने को एक निविदा जारी की है लेकिन निजता से जुड़े मुद्दे की वजह से इसे वापस लिया जा सकता है। सोशल मीडिया पर कई निजी अधिकार समूहों की तरफ से इसपर सवाल खड़े किए जाने के बाद रेलवे पर दबाव बढ़ता हुआ दिख रहा है। निजता के अधिकार की वकालत करने वाले समूहों का कहना है कि रेलवे अपने यात्रियों एवं मालढुलाई उपभोक्ताओं के बारे में जुटाए गए ब्योरे को इस तरह बेच नहीं सकता है। आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि निजता से जुड़ी इन चिंताओं के बीच रेलवे इस निविदा को वापस भी ले सकता है।

हालांकि, रेलवे ने आधिकारिक तौर पर इस निविदा के बारे में कुछ भी नहीं कहा है लेकिन उच्च पदस्थ सूत्रों ने कहा कि डेटा संरक्षण विधेयक को अंतिम रूप नहीं दिए जाने से इसे वापस लिए जाने के आसार हैं। इसके साथ ही सूत्रों ने कहा कि निविदा के जरिये चुना जाने वाला सलाहकार भारतीय रेल की खानपान, टिकटिंग एवं पर्यटन इकाई आईआरसीटीसी को उसके मौजूदा कारोबार में सुधार के लिए कदम सुझाएगा और भावी अवसरों के लिए रणनीति तय करने में भी मदद करेगा। घटनाक्रम से परिचित सूत्रों ने कहा, ‘‘आईआरसीटीसी न तो अपने आंकड़े बेचता है और न ही उसका ऐसा कोई इरादा है।

सलाहकार की सेवाएं इसलिए ली जा रही हैं ताकि वह आईआरसीटीसी को अपने मौजूदा कारोबार में सुधार और भावी कारोबार के लिए रणनीतियां बनाने में सलाह दे सके।'' बहरहाल, रेलवे की तरफ से इस बारे में जारी निविदा दस्तावेज के मुताबिक, रेलवे की तरफ से विभिन्न सार्वजनिक एप्लिकेशन के जरिये जुटाई गई जानकारियों का अध्ययन किया जाएगा। इनमें नाम, उम्र, मोबाइल नंबर, लिंग, पता, ई-मेल आईडी, सफर की श्रेणी, भुगतान का तरीका, लॉगिन एवं पासवर्ड जैसे ब्योरे शामिल होंगे। गौरतलब है कि रेलवे के ऑनलाइन टिकटिंग मंच आईआरसीटीसी का इस्तेमाल 10 करोड़ से भी अधिक लोग करते हैं जिनमें से 7.5 करोड़ उपयोगकर्ता सक्रिय हैं।

निविदा दस्तावेज के मुताबिक, सलाहकार तय हो जाने के बाद उसे रेलवे के सभी एप्लिकेशन से हासिल आंकड़ों को मुहैया कराया जाएगा ताकि ‘भारतीय रेलवे के डिजिटल आंकड़े के मौद्रीकरण' की संभावना का अध्ययन किया जा सके। इसके साथ ही सलाहकार को रेल उपभोक्ताओं के व्यवहार से जुड़े आंकड़े भी मुहैया कराए जाएंगे। इससे सवारियों की संख्या, सफर की श्रेणी, कितनी बार सफर करता है, यात्रा में लगने वाले समय, उम्र वर्ग, लिंग, भुगतान का तरीका और बुकिंग के पसंदीदा साधनों के बारे में गहन अध्ययन किया जा सकेगा। निविदा दस्तावेज कहता है कि इस पूरी कवायद का मकसद आईआरसीटीसी के लिए अपने डेटा आधार का फायदा उठाना है ताकि बाजार में अपनी स्थिति का फायदा राजस्व के रूप में उठाया जा सके। रेलवे को अपनी डिजिटल संपत्तियों के मौद्रीकरण से 1,000 करोड़ रुपये का राजस्व जुटाने की संभावना दिख रही है।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Editor

rajesh kumar

Recommended News

Related News