पुतिन ने मोदी और शी को बताया जिम्मेदार नेता, बोले- ये दोनों ही सुलझा सकते हैं  भारत-चीन का मुद्दा

punjabkesari.in Saturday, Jun 05, 2021 - 03:37 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्क:  रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने शइस बात पर जोर देकर कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग दोनों ‘‘जिम्मेदार नेता’’ हैं,जो दोनों देशों के बीच मुद्दों का समाधान करने में सक्षम हैं। उन्होंने कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि ‘‘क्षेत्र से इतर किसी भी ताकत’’ को इस प्रक्रिया में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिये।

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किसी के खिलाफ एकजुट होने के मकसद से ना हो साझेदारी: पुतिन
चार देशों के समूह क्वाड (भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया) की रूस द्वारा सार्वजनिक रूप से आलोचना करने के बीच पुतिन ने  कहा कि किसी राष्ट्र को किसी पहल में किस तरह शामिल होना चाहिए और उन्हें अन्य देशों के साथ किस सीमा तक संबंध बनाने चाहिए, यह आकलन करने का काम मॉस्को का नहीं है, लेकिन कोई भी साझेदारी किसी अन्य के खिलाफ एकजुट होने के मकसद से नहीं होनी चाहिए।

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भारत के साथ रूस का रिश्त अच्छा: पुतिन
क्वाड तथा इस समूह में भारत के शामिल होने पर मॉस्को की राय के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में पुतिन की यह टिप्पणी चीन के उस दावे की पृष्ठभूमि में आई है कि राष्ट्रों का यह समूह रणनीतिक हिंद-प्रशांत क्षेत्र में बीजिंग के प्रभाव को नियंत्रित करने के लिए बनाया गया है। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत के साथ रूस की साझेदारी तथा मॉस्को और बीजिंग के बीच संबंध में कोई ‘‘विरोधाभास’’ नहीं है।

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पुतिन ने की मोदी और शी की तारीफ
पुतिन ने डिजिटल संवाद में एक दुभाषिये की सहायता से कहा कि हां, मैं जानता हूं कि भारत और चीन के संबंधों से जुड़े कुछ मुद्दे हैं लेकिन पड़ोसी देशों के बीच अनेक मुद्दे हमेशा से होते हैं। हालांकि, मैं भारत के प्रधानमंत्री तथा चीन के राष्ट्रपति, दोनों के रूख से अवगत हूं। वे बहुत ही जिम्मेदार लोग हैं और एक-दूसरे के साथ दृढ़ निश्चय एवं पूरे सम्मान के साथ पेश आते हैं। मुझे भरोसा है कि सामने कोई भी मुद्दा आ जाए, वे उसका समाधान निकाल ही लेंगे। लेकिन यह महत्वपूर्ण है कि क्षेत्र से इतर किसी भी ताकत को इसमें हस्तक्षेप नहीं करना चाहिये।’’

 

 भारत और रूस के बीच संबंधों का आधार ‘विश्वास’: पुतिन
उल्लेखनीय है कि पिछले वर्ष पांच मई को पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन की सेनाओं के बीच गतिरोध के हालात बने थे। यह 45 साल में पहली बार था कि गतिरोध के दौरान दोनों पक्षों के सैनिक मारे गए थे। पैंगोंग झील क्षेत्र से सैनिकों को पीछे हटाने के मामले में हालांकि सीमित प्रगति हुई है तथा टकराव के अन्य बिंदुओं पर भी ऐसे ही कदम उठाने के लिए वार्ता में गतिरोध बना हुआ है। रूस और चीन के बीच बढ़ती करीबी तथा इसके भारत-रूस सुरक्षा एवं रक्षा सहयोग पर पड़ने वाले प्रभाव को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में पुतिन ने कहा कि भारत और रूस के बीच संबंध काफी तेजी से और सफलतापूर्वक बढ़ रहे हैं और इन संबंधों का आधार ‘विश्वास’ है
 


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Content Writer

vasudha

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