अपराध के मामलों में सजा की दर को FSL की मदद से बढ़ाया जा सकता है: अमित शाह

punjabkesari.in Sunday, Dec 19, 2021 - 06:03 PM (IST)

नेशनल डेस्क: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को कहा कि देश की आंतरिक सुरक्षा के सामने नशीले पदार्थों, हथियारों की तस्करी, जाली नोट और घुसपैठ जैसी चुनौतियां हैं, लेकिन बहुत से कदम उठाये सकते हैं और अपराध के मामलों में सजा की दर को फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशालाओं (एफएसएल) की मदद से बढ़ाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि देश में फोरेंसिक विज्ञान के लिए क्षमता निर्माण का विस्तार करने की आवश्यकता है ताकि अपराध के मामलों में दोषसिद्धि दर बढ़ाई जा सके। शाह ने रविवार को महाराष्ट्र के पुणे जिले के तालेगांव में केंद्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला का दौरा किया, जहां उन्होंने केन्द्र के एक नए परिसर का उद्घाटन किया।

जवानों के साथ दोपहर का भोजन किया
उन्होंने राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की एक इकाई का भी दौरा किया जहां उन्होंने एनडीआरएफ कर्मियों के साथ बातचीत की और बल के जवानों के साथ दोपहर का भोजन किया। तालेगांव में एनडीआरएफ परिसर में एक संयुक्त कार्यक्रम को संबोधित करते हुए शाह ने बाढ़, चक्रवात या इमारत ढहने जैसी प्राकृतिक आपदाओं के दौरान बल के काम की सराहना की। फोरेंसिक विज्ञान के महत्व का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘आंतरिक सुरक्षा के लिए कई चुनौतियां हैं जैसे कि नशीले पदार्थ, हथियारों की तस्करी, जाली नोट, घुसपैठ, लेकिन एफएसएल की मदद से हम बहुत कुछ कर पाएंगे।''

एफएसएल की स्थापना का सख्ती से पालन
गुजरात में एक अत्याधुनिक फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला का उदाहरण देते हुए शाह ने कहा कि जब (प्रधानमंत्री) नरेन्द्र मोदी राज्य के मुख्यमंत्री थे, उन्होंने एफएसएल की स्थापना का सख्ती से पालन किया था और परिणामस्वरूप, यह अब दुनियाभर में एक मान्यता प्राप्त संस्थान बन गया है। उन्होंने कहा, ‘‘जब गुजरात में एफएसएल बुनियादी ढांचे का विस्तार हो रहा था, विशेषज्ञ फोरेंसिक विज्ञान जनशक्ति की कमी महसूस की गई थी। चूंकि देश में फोरेंसिक विज्ञान के लिए कोई कॉलेज या विश्वविद्यालय नहीं था, मोदी जी ने राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय की स्थापना के विचार की परिकल्पना की थी, और अब विश्वविद्यालय गुजरात में काम कर रहा है।'' केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हर राज्य को फोरेंसिक विज्ञान के लिए एक समर्पित कॉलेज स्थापित करना चाहिए और ऐसे संस्थान को इस विश्वविद्यालय से संबद्ध करना चाहिए।

हमारा उद्देश्य इस दर को बढ़ाना
शाह ने बताया कि भारत में अपराध के मामलों में सजा की दर दुनिया में कहीं और की तुलना में काफी कम है। उन्होंने कहा, ‘‘हमारा उद्देश्य इस दर को बढ़ाना होना चाहिए। अगर हम अपराध को नियंत्रित करना चाहते हैं तो यह तब तक संभव नहीं है जब तक हम अपराधियों को सजा नहीं देते। अपराधियों को सजा देने का काम तब होगा जब हमारे पास जांच की प्रक्रिया में वैज्ञानिक साक्ष्य के लिए जगह होगी।'' उन्होंने कहा कि फोरेंसिक विज्ञान के और कॉलेजों के साथ प्रशिक्षित जनशक्ति होगी। उन्होंने कहा कि तकनीक की मदद से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि वैज्ञानिक साक्ष्य इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से सीधे अदालतों तक पहुंचे। 

 


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Content Editor

rajesh kumar

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