पदोन्नति में आरक्षण के पेच से रुके प्रमोशन, SC पहुंची मोदी सरकार

punjabkesari.in Sunday, Jun 14, 2020 - 07:47 PM (IST)

नई दिल्लीः केंद्र सरकार ने अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (एससी/एसटी) को पदोन्नति में आरक्षण पर यथास्थिति बनाये रखने के आदेश के मद्देनजर शीर्ष अदालत से खाली पदों पर फिलहाल अस्थायी तौर पर पदोन्नति की इजाजत मांगी है। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में आवेदन दाखिल करके एससी/एसटी को पदोन्नति में आरक्षण के मसले पर स्पष्टीकरण का अनुरोध किया है। केंद्र सरकार ने शीर्ष अदालत में दायर अर्जी में कहा है कि 78 विभागों में से 23 विभागों में पदोन्नति का काम रुका पड़ा है।

सरकार का कहना है कि गत वर्ष 15 अप्रैल को यथास्थिति बनाए रखने के शीर्ष अदालत के आदेश के कारण आरक्षित और सामान्य श्रेणी के तमाम पदों पर पदोन्नति रुकी हुई है। सरकार का दावा है कि इस साल के पहले महीने तक देश में करीब एक लाख 30 हजार से अधिक पदोन्नतियां रुकी पड़ी हैं। केंद्र सरकार का कहना है कि हर महीने बड़ी संख्या में सरकारी अधिकारी बिना पदोन्नति के सेवानिवृत्त हो रहे हैं। सरकारी नौकरों में इसे लेकर असंतोष एवं रोष है। वे न केवल हतोत्साहित हो रहे हैं, बल्कि वित्तीय नुकसान को लेकर भी उनमें असंतोष पनप रहा है।

सरकार का अनुरोध है कि उसे अस्थायी तौर पर पदोन्नति की इजाजत दी जानी चाहिए, भले ही यह पदोन्नति शीर्ष अदालत के अंतिम फैसले पर निर्भर करे। गौरतलब है कि दिल्ली उच्च न्यायालय ने अगस्त 2017 में सरकार के उस मेमोरेंडम को निरस्त कर दिया था, जिसमें एससी/एसटी को पदोन्नति में आरक्षण की बात कही गयी थी। केंद्र सरकार ने उच्च न्यायालय के आदेश को शीर्ष अदालत में चुनौती दी हुई है, जिस पर यथास्थिति बरकरार है।


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Yaspal

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