CBSE बोर्ड परीक्षाओं को लेकर गर्माई सियासत, प्रियंका गांधी ने निशंक को पत्र लिखकर रखी ये मांग

punjabkesari.in Monday, May 31, 2021 - 05:17 PM (IST)

नेशनल डेस्क: कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने सोमवार को केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक से आग्रह किया कि कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर को ध्यान में रखते हुए केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की 12वीं कक्षा की परीक्षा कराने पर पुनर्विचार किया जाए। उन्होंने निशंक को पत्र लिखकर यह भी कहा कि बच्चों के जीवन को खतरे में डालना उनके साथ बहुत बड़ा अन्याय होगा। पत्र में प्रियंका ने उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव के बाद कई शिक्षकों की मौत होने और कोरोना संक्रमण के कथित तौर पर प्रसार होने का उल्लेख करते हुए कहा कि बोर्ड परीक्षा को लेकर बच्चों एवं अभिभावकों के सुझावों पर गंभीरता से विचार होना चाहिए। 

उन्होंने अपने पास आए कई बच्चों एवं अभिभावकों के पत्रों का हवाला देते हुए कहा, ‘‘ बच्चों और अभिभावकों, दोनों का मानना है कि भीड़भाड़ वाले परीक्षा केंद्रों पर जाना असुरक्षित होगा। कुछ ने लिखकर कहा है कि उनके घरों पर बीमार रिश्तेदार या बुजुर्ग हैं तथा ऐसे में उनके जीवन को खतरे में डालना होगा। प्रियंका के मुताबिक, कई ने सुझाव दिया है कि कई अन्य देशों की तरह यहां भी आंतरिक मूल्यांकन होना चाहिए। कोरोना महामारी की दूसरी लहर को देखते हुए उनका डर और चिंता वाजिब है। कांग्रेस महासचिव ने कहा, ‘‘कई छात्रों और अभिभावकों ने सुझाव दिया है कि परीक्षा में बैठने से पहले छात्रों को टीका लगाने के लिए एक समग्र रणनीति बननी चाहिए। मौजूदा सत्र के लिए बहुत देर हो चुकी है, लेकिन 2022 के सत्र के बच्चों के लिए इस आधार पर योजना बनाई जा सकती है।''

उन्होंने इस बात पर जोर दिया, ‘‘छत्तीसगढ़ सरकार ने इस मुद्दे का कुछ दिलचस्प समाधान ढूंढा है। कई अभिभावकों का कहना है कि सीबीएसई भी यही तरीका अपना सकती है। घर पर ओपेन बुक परीक्षा का आयोजन हो तथा परीक्षा पुस्तिकाएं स्कूलों या परीक्षा केंद्रों से ली जाएं और कुछ दिनों के भीतर लौटा दी जाएं। इससे परीक्षा कराने का सुरक्षित माहौल मिलेगा।'' उन्होंने कहा कि कई बच्चों ने कोरोना की दूसरी लहर में अपने प्रियजनों या माता-पिता को खोया है। उनसे परीक्षा की तैयारी करने और परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद करना निर्दयता एवं संवेदनहीनता होगी। भीड़भाड़ वाले परीक्षा केंद्रों पर बच्चों के लिए जाना भी उचित नहीं होगा। प्रियंका ने इस बात का उल्लेख किया, ‘‘एक बच्चे ने लिखा है कि परीक्षा कराना तीसरी लहर को प्रोत्साहित करना होगा...बहुत सारे बच्चे मानसिक रूप से परेशानियों का सामना कर रहे हैं।

ऐसे में परीक्षा से जुड़े फैसले को लंबा खींचने से उनपर और दबाव बढ़ेगा।'' उनके अनुसार, कुछ अभिभावकों ने कहा है कि अगर सरकार उनके बच्चों के जीवन को खतरे में डालने के लिए मजबूर करती है तो शिक्षा मंत्रालय, सीबीएसई और इस फैसले के लिए प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से जिम्मेदार लोगों को किसी भी अनहोनी के लिए कानूनी कार्रवाई का सामना करने के लिए तैयार रहना चाहिए। कांग्रेस नेता ने शिक्षा मंत्री से आग्रह किया, ‘‘बच्चों की सुरक्षा करना हमारी जिम्मेदारी एवं कर्तव्य है। मैं आपसे एक बार फिर आग्रह करती हूं कि 12वीं कक्षा की सीबीएसई बोर्ड परीक्षा कराने पर पुनर्विचार किया जाए तथा बच्चों एवं अभिभावकों की तरफ से दिए गए सुझावों पर गंभीरता से विचार किया जाए।'' प्रियंका ने कहा, ‘‘अगर बच्चों के जीवन को खतरे में डालने वाले हालात की तरफ उन्हें धकेला जाता है जो यह बहुत बड़ा अन्याय होगा। ''

 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Editor

rajesh kumar

Recommended News

Related News