PM मोदी ने की FDI की नई व्याख्या, इंटरनेशनल वामपंथियों के खिलाफ युद्ध का ऐलान

punjabkesari.in Thursday, Feb 11, 2021 - 01:35 PM (IST)

नेशनल डेस्क: किसान आंदोलन के चलते देश और दुनिया में सरकार की आलोचना करने वालों को आड़े हाथों लेते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यसभा में कहा था कि लोगों को गुमराह करने वाली ताकतों को पहचानने तथा इनसे बचने की जरूरत है। हाल ही में कुछ विदेशियों द्वारा किसान आंदोलन को लेकर सरकार पर की गई टिप्पणियों का परोक्ष रूप से जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने इसका करारा जवाब भी दिया था। 'फोरन डिस्ट्रक्टीव आइडियोलॉजी' का जिक्र कर पीएम मोदी ने वामपंथियों के खिलाफ युद्ध की घोषणा कर दी है। राज्यसभा में पीएम मोदी के FDI पर बोलने की चर्चा काफी हो रही है। देश ही नहीं विदेशों में भी अब इसको लेकर गहनता से विचार होना शुरू हो गया है। 

 

पीएम मोदी ने FDI की नई व्याख्या बताई
अपने भाषण के दौरान पीएम मोदी ने कहा था कि वैसे तो प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) से देश में विकास होता है लेकिन अभी देश को एक नए तरह के FDI से दो-चार होना पड़ रहा है। प्रधानमंत्री ने FDI  की नई व्याख्या करते हुए कहा था कि यह एफडीआई ‘फोरन डिस्ट्रक्टीव आइडियोलॉजी' (Foreign destructive ideology) है और देश को इससे बचना है। इसके लिए सभी को जागरूक रहने की जरूरत है। हिंदी में Foreign destructive ideology का मतलब है-विदेशी विनाशकारी विचारधारा। बता दें कि आमतौर पर FDI का मतलब होता है-प्रत्यक्ष विदेशी निवेश, यानि कि विदेश की कोई कंपनी भारत की किसी कंपनी में सीधे पैसा लगा दे।

 

साल 2020 से मोदी सरकार के खिलाफ बयानबाजी
किसान आंदोलन पर कुछ विदेशी हस्तियां सामने आई तो सबका ध्यान इस और गया लेकिन अगर पीएम मोदी की नई FDI पर ध्यान दें तो यह साल 2020 में ही शुरू हो गई थी। दरअसल अरबपति जॉर्ज सोरोस ने दावोस में हो रही वर्ल्ड इकॉनोमिक फोरम में साल 2020 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना करते हुए उन पर 'हिंदू राष्ट्रवादी देश' बनाने का आरोप लगाया था। सोरोस की यह टिप्पणी नागरिकता संशोधन अधिनियम कानून बनने के बाद आई थी। तब मोदी सरकार भारत में भी विरोध का सामना कर रही थी। मशहूर मैगजीन 'द इकोनॉमिस्ट' ने अपने नए कवर पेज के साथ नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (NRC) को लेकर भारत में हो रहे विरोध प्रदर्शनों पर मोदी सरकार पर हमला बोला था। कवर पेज पर कंटीली तारों के बीच भारतीय जनता पार्टी (BJP) का चुनाव चिन्ह 'कमल का फूल' नजर आ रहा है, इसके ऊपर लिखा था, 'असहिष्णु भारत। कैसे मोदी दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र को जोखिम में डाल रहे हैं। भारत ही नहीं दुनियाभर में हो रही घटनाओं पर भी कई विदेशी हस्तियां दखल देते हैं। डोनाल्ड ट्रंप से लेकर दुनिया के बड़े नेताओं को इनका सामना करना पड़ा है।

 

नई बिरादरी ‘आंदोलनजीवी' का जिक्र
राष्ट्रपति के अभिभाषण पर राज्यसभा में धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देते हुए पीएम मोदी ने  कहा कि श्रमजीवी और बुद्धिजीवी जैसे शब्द तो सबने सुने होंगे लेकिन अब एक नई जमात और एक नई बिरादरी सामने आई है और वह है ‘आंदोलनजीवी'। प्रधानमंत्री ने कहा कि ये लोग हर आंदोलन में नजर आएंगे चाहे वह वकीलों , छात्रों या किसी अन्य का आंदोलन हो। उन्होंने कहा कि ये हर आंदोलन में घुस जाते हैं कहीं आगे से तो कहीं पीछे से और यह पूरी टोली है। पीएम मोदी ने कहा कि ये लोग आंदोलन के बिना नहीं जी सकते इन्हें पहचानने तथा इनसे बचने की जरूरत है। देश आंदोलनजीवी लोगों से बचें। प्रधानमंत्री ने इन लोगों को परजीवी की संज्ञा देते हुए कहा कि ये परजीवी हर राज्य में होते हैं और वहां की सरकारों को भी विभिन्न आंदोलनों के समय इनसे दो-चार होना पड़ता है।  

 

विदेशी हस्तियों का भारत में दखल
हाल ही में कुछ विदेशी हस्तियों ने किसान आंदोलन को लेकर भारत सरकार की आलोचना की थी और लोगों से इस पर स्टेंड लेने और किसानों के हक में बोलने को कहा था। इन्हीं हस्तियों को पीएम मोदी ने FDI कहा है। पर्यावरण कार्यकर्त्ता ग्रेटा थनबर्ग, अमेरिकी पॉप स्टार रिहाना और पोर्न एक्ट्रेस मिया खलीफा समेत कई सेलेब्स शामिल थीं जिनहोंने किसानो आंदोलन पर ट्वीट करके सोशल मीडिया पर हंगामा मचा दिया था। इन विदेशी हस्तियों के समर्थन में कई बॉलीवुड की हस्तियां भी उतर आई थीं, कई विपक्षी नेताओं ने भी विदेशी हस्तियों के ट्वीट को सही ठहराया था। 


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Content Writer

Seema Sharma

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