देश में तेजी से घट रही गरीबी, अब वर्ल्ड बैंक ने भी लगाई मुहर, 8 सालों में गरीबों की संख्या 12.3 फीसदी घटी

punjabkesari.in Monday, Apr 18, 2022 - 06:02 PM (IST)

नेशनल डेस्कः गरीबी के मोर्चे पर मोदी सरकार के लिए राहत भरी खबर है। भारत में गरीबी तेजी से घट रही है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के बाद अब वर्ल्ड बैंक (World Bank) ने यह बात कही है। वर्ल्ड बैंक के एक पॉलिसी रिसर्च वर्किंग पेपर के अनुसार, भारत में साल 2011 से 2019 के बीच अत्यंत गरीबी में 12.3 फीसद की गिरावट आने का अनुमान है। रिपोर्ट के अनुसार, साल 2011 में अत्यंत गरीबी 22.5 फीसद थी, जो साल 2019 में 10.2 फीसद पर आ गई है।

इस स्टडी के आंकड़ों के अनुसार, शहरी क्षेत्रों की तुलना में ग्रामीण क्षेत्रों में अत्यंत गरीबी काफी तेजी से घटी है। वर्ल्ड बैंक के इस रिसर्च पेपर को अर्थशास्त्री सुतीर्थ सिन्हा और रॉय वान डेर वीड द्वारा तैयार किया गया है। पेपर के अनुसार साल 2011 से 2019 के बीच ग्रामीण इलाकों में गरीबी 14.7 फीसद घटी, जबकि शहरी इलाकों में गरीबी 7.9 फीसदी घटी है।

वर्ल्ड बैंक के इस पेपर के अनुसार, साल 2011 से 2015 के बीच अत्यंत गरीबी 3.4 फीसद घटी है। साल 2011 में यह 22.5 फीसद थी, जो 2015 में 19.1 पर आ गई। इसके बाद साल 2015 से 2019 के बीच गरीबी में तेजी से गिरावट आई। इस दौरान गरीबी में 9.1 फीसद की गिरावट आई। यह साल 2015 के 19.1 से घटकर साल 2019 में 10 फीसद पर आ गई। वहीं, साल 2017 से 2018 के बीच अत्यंत गरीबी 3.2 फीसद घटी, जो कि दो दशकों से अधिक समय की सबसे तेज दर है। अगर हम साल 2004 से 2011 के बीच गरीबी में गिरावट की बात करें, तो इस दौरान इसमें प्रति वर्ष लगभग 2.5 फीसद की गिरावट रहने का अनुमान है।

ग्रामीण क्षेत्रों में तेजी से कम हुई गरीबी
पेपर में स्पष्ट रूप से यह कहा गया कि भारत के ग्रामीण क्षेत्रों से गरीबी तेजी से घट रही है। साल 2011 से 2015 के दौरान ग्रामीण गरीबी 26.3 फीसद से घटकर 21.9 फीसद पर आ गई। इस तरह इसमें 4.4 फीसद की गिरावट आई। साल 2015 से 2019 के बीच इससे भी तेज रफ्तार 10.3 फीसद से घटी और 11.6 पर आ गई। इसमें कहा गया है कि छोटे जोत वाले किसानों ने उच्च आय वृद्धि का अनुभव किया।

शहरी गरीबी में आई इतनी गिरावट
शहरी गरीबी की बात करें, तो यह साल 2011 से 2015 के दौरान 1.3 फीसद घटी। यह 2011 में 14.2 फीसद पर थी, जो 2015 में 12.9 फीसद पर आ गई। इसके बाद इसमें 6.6 फीसद की तेजी गिरावट आई। यह 2015 के 12.9 फीसद से घटकर 2019 में 6.3 फीसद पर आ गई। हालांकि, साल 2016 में शहरी गरीबी में 2 फीसद का उछाल आया। बता दें कि इसी साल नोटबंदी हुई थी।

छोटी जोत वाले किसानों को अधिक फायदा
रिपोर्ट में कहा गया, 'बहुत छोटी जोत वाले किसानों की वास्तविक आय में 2013 और 2019 के दो सर्वे राउंड्स के बीच सालाना आधार पर 10 फीसद की दर से बढ़ी। वहीं, इस दौरान अधिक बड़ी जोत वाले किसानों की आय केवल 2 फीसद की दर से बढ़ी।'

बता दें कि गिनी गुणांक आबादी के बीच आय वितरण को मापता है। यह 0 से 1 तक होता है, जिसमें 0 पूर्ण समानता का प्रतिनिधित्व करता है और 1 पूर्ण असमानता का प्रतिनिधित्व करता है। वहीं, वर्ल्ड बैंक के अनुसार प्रति दिन 1.9 डॉलर से कम में जीवन यापन करने वाले लोग अत्यधिक गरीबी की श्रेणी में आते हैं।


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Content Writer

Yaspal

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