मोदी सरकार के राज में बढ़ी गरीबी और भुखमरी! नीति आयोग की एक रिपोर्ट में हुआ खुलासा

punjabkesari.in Thursday, Jan 09, 2020 - 05:48 PM (IST)

नेशनल डेस्क: केंद्र की मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का आम बजट 1 फरवरी 2020 को पेश हो सकता है। जहां एक और देश की इकोनॉ‍मिक ग्रोथ को पटरी पर लाने की पुरजोर कोशिश की जा रही है तो वहीं दूसरी और नीति आयोग की 2019 की एसडीजी इंडिया रिपोर्ट सरकार को सवालों के कटघरे में खड़ा कर दिया है। रिपोर्ट के मुताबिक देश के 22 से 25 राज्यों-केंद्र शासित प्रदेशों में गरीबी, भुखमरी और असमानता बढ़ गई है जो चिंता का विषय है। 

PunjabKesari

ग्लोबल मल्टी डायमेंशनल पवर्टी इंडेक्स सितंबर 2018 में यूएनडीपी-ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा जारी की गई। रिपोर्ट के अनुसार भारत में अब भी 36.4 करोड़ गरीब हैं, जिसमें से 15.6 करोड़ (करीब 34.6 फीसदी) बच्चे हैं। हैरानी की बात है कि भारत के गरीबों का करीब 27.1 फीसदी हिस्सा अपना दसवां जन्मदिन भी नहीं देख पाता यानी उससे पहले ही उसकी मौत हो जाती है। गरीबी बढ़ने वाले प्रमुख राज्यों में बिहार, ओडिशा, झारखंड, उत्तर प्रदेश, पंजाब, असम और पश्चिम बंगाल शामिल हैं। केवल दो राज्यों आंध्र प्रदेश और सिक्किम में गरीबी में कमी आई है। चार राज्यों- मेघालय, हिमाचल प्रदेश, तेलंगाना और महाराष्ट्र में हालात में कोई बदलाव नहीं आया है।

PunjabKesari

नीति आयोग के आंकड़ों के मुताबिक 2018 की तुलना में 2019 में 22 राज्यों एवं केंद्रशासि‍त प्रदेशों में गरीबी बढ़ी है जो एक गंभीर समस्या है। बता दें कि 2005-06 से 2015-16 के दस साल में MPI यानी गरीबों की संख्या में 27.1 करोड़ की जबरदस्त गिरावट आई थी और इस मामले में भारत ने चीन को भी पीछे छोड़ दिया था लेकिन हाल ही में जारी की गई यह रिपोर्ट देश की अलग ही तस्वीर बयां कर रही हैं। गौरतलब है कि एमपीआई में स्वास्थ्य, शिक्षा तथा जीवन-स्तर से जुड़े दस पहलुओं पर गौर किया जाता है। 
PunjabKesari


सबसे ज्यादा पढ़े गए

vasudha

Recommended News

Related News