कोरोना संकट से बीच महाराष्ट्र में राजनीति, निशाने पर राज्यपाल
punjabkesari.in Friday, Apr 10, 2020 - 05:06 PM (IST)
नेशनल डेस्कः महाराष्ट्र में कोरोना के भयंकर संकट के बीच राजनीति गरमा गई है। राज्य में कोरोना वायरस के बढ़त मामलों के बीच सियासत जोरों पर है। मामला राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी द्वारा सूबे के अधिकारियों के साथ बैठक के साथ शुरू हुआ। इस बैठक पर शिवसेना ने आपत्ति जताते हुए कहा है कि इस तरह का समानांतर शासन भ्रम पैदा करेगा। दरअसल, राज्य में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए राज्यपाल ने अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए उठाए जा रहे कदमों पर चर्चा हुई। इसे लेकर शिवसेना ने आपत्ति जताई और कहा कि इस तरह का समानांतर शासन भ्रम की स्थिति पैदा करेगा।
मुखपत्र सामना में भी उठाया मुद्दा
पार्टी के मुखपत्र 'सामना' में सत्ताधारी पक्ष ने कोरोना वायरस को युद्ध जैसी स्थिति बताते हुए कहा कि प्रशासन को निर्देश देने के लिए कमांड का एक केंद्र होना चाहिए। सामना में कहा गया कि केंद्र सरकार में प्रधानमंत्री और राज्य में मुख्यमंत्री के पास निर्देश देने का अधिकार है। यहां तक कि बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस में शिवसेना और एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने पीएम मोदी से कहा था कि वायरस से लड़ने के लिए उनके नेतृत्व में पूरा देश एकजुट है।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और शरद पवार ने मुंबई से इस बैठक में भाग लिया था। मुखपत्र में कहा गया कि कोरोना वायरस स्थिति से निपटने के लिए ठाकरे की सराहना करते हुए, पवार ने पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को राज्यपाल की भूमिका (अधिकारियों के साथ बैठक में) के बारे में अवगत कराया।
मुखपत्र में कहा गया है कि इसमें कोई कड़वाहट नहीं थी। अगर कोई समानांतर सरकार चलाता है, तो इससे भ्रम पैदा होगा। अगर पवार जैसे वरिष्ठ नेता को ऐसा लगता है तो मामले को गंभीरता से लिया जाना चाहिए। अखबार में कहा गया कि राज्यपाल को काम के लिए उनके उत्साह के लिए जाना जाता है क्योंकि अतीत में वह आरएसएस के प्रचारक और भाजपा कार्यकर्ता रहे हैं।
शिवसेना के मुखपत्र में कहा गया कि राज्य को एक राज्यपाल मिला है जो किसी भी समय अनुसूची का पालन नहीं करता है और लोगों ने इसका अनुभव तब किया जब उन्होंने देवेंद्र फडणवीस और अजीत पवार को सुबह (पिछले साल) शपथ ग्रहण करते देखा।
दरअसल, इस सप्ताह के शुरू में, कोश्यारी ने जिला कलेक्टरों और मंडल आयुक्तों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से एक बैठक की। बैठक में मजदूरों, प्रवासियों और बेघर व्यक्तियों के लिए चिकित्सा सुविधाओं और खाद्य पदार्थों की उपलब्धता पर चर्चा की गई, जो कोरोना वायरस के प्रकोप और उसके बाद के लॉकडाउन से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं।
बैठक में कृषि उत्पादों की बिक्री, राहत प्रयासों में गैर सरकारी संगठनों की भागीदारी और अन्य मुद्दों के बीच पिछले महीने दिल्ली के निजामुद्दीन में आयोजित धार्मिक सभा से वापस लौटने वाले लोगों को ट्रैक करने के उपायों पर भी चर्चा की गई। बैठक में संभागीय आयुक्तों, बीएमसी के अतिरिक्त आयुक्त और दस जिलों के कलेक्टरों ने भाग लिया।
सबसे ज्यादा पढ़े गए
Recommended News
Recommended News
Rang Panchami : रंग पंचमी पर कर लें यह उपाय, मां लक्ष्मी का घर में होगा वास
Rang Panchami: रंगपंचमी पर धरती पर आएंगे देवी-देवता, इस विधि से करें उन्हें प्रसन्न
मैड़ी मेले में आए अमृतसर के श्रद्धालु की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत, पुलिस जांच में जुटी
आज जिनका जन्मदिन है, जानें कैसा रहेगा आने वाला साल