दिल्ली की हवा को प्रदूषण से बचाने के लिए मैदान में उतरा PMO, हरियाणा- UP पर रखेगा सख्त नजर

punjabkesari.in Sunday, Sep 20, 2020 - 10:10 AM (IST)

नेशनल डेस्क: सर्दी के मौसम में दिल्ली की हवा सुधारने के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने मोर्चा संभाल लिया है। प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव डॉ. पी.के. मिश्रा ने उच्च स्तरीय टास्क फोर्स गठित की गई है जो हरियाणा और उत्तर प्रदेश के खेतों में पराली जलाने की घटनाओं पर नजर रखेगी। इसके साथ ही राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में फसलों के अवशेषों के प्रबंधन के लिए मशीनों की उपलब्धता सुनिश्चित करने और अन्य जरूरी एहतियाती कदम उठाने पर जोर दिया जाएगा। 

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मिश्रा ने उच्चस्तरीय कार्यबल की बैठक की अध्यक्षता करते हुए दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिवों के साथ साथ केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों, मंत्रालयों के सचिवों को इस बारे में निर्देश दिये। बैठक में केन्द्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन, कृषि, सड़क और पेट्रोलियम मंत्रालयों के अलावा केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। मिश्रा ने इस बात पर जोर दिया कि वायु प्रदूषण के कारणों से निपटने के लिए उचित एहतियाती एवं निवारक उपाय सुनिश्चित करने के लिए फसल की कटाई और सर्दियों के मौसम की शुरुआत से काफी पहले ही जरूरी तैयारी की जानी चाहिए। 

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प्रधान सचिव ने वायु प्रदूषण के मुख्य स्रोतों, राज्य सरकारों एवं विभिन्न मंत्रालयों द्वारा किए गए उपायों की गई प्रगति और उनकी समीक्षा की गई। बैठक में इस मुद्दे पर गौर किया गया कि पिछले दो वर्षों के दौरान पराली को जलाने की घटनाओं में 50 प्रतिशत से अधिक की कमी आई है और अच्छे एक्यूआई वाले दिनों की संख्या में वृद्धि हुई है। फसलों के अवशेष जलाने की रोकथाम के लिए पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश राज्यों द्वारा किए गए प्रयासों एवं उनकी योजनाओं पर विस्तार से गौर किया गया। 

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इसमें फसल अवशेषों के प्रबंधन के लिए जमीनी स्तर पर मशीनों की तैनाती एवं उपलब्धता सुनिश्चित करने पर जोर दिया गया। इस बात पर जोर दिया गया कि इन मशीनों तथा संयंत्रों को हाल में भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा प्राथमिकता वाले ऋण क्षेत्र में शामिल किए जाने के बाद ऐसे संयंत्रों की तेजी से तैनाती के लिए केंद्र और राज्य दोनों सरकारों को संयुक्त रूप से एक कार्य योजना तैयार करनी चाहिए। फसल के विविधीकरण और आपूर्ति श्रृंखलाओं को मजबूत करने के उपायों पर भी चर्चा की गई। 


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vasudha

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