प्रधानमंत्री की पुतिन, जेलेंस्की से वार्ता ;गहन कूटनीतिक अभियान के बाद सूमी से छात्रों की हुई निकासी

punjabkesari.in Thursday, Mar 10, 2022 - 01:15 AM (IST)

नई दिल्लीः रूस और यूक्रेन के राष्ट्रपतियों के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फोन पर वार्ता, दिल्ली, कीव और मास्को में सिलसिलेवार रूप से अलग-अलग गहन कूटनीतिक संपर्क तथा यूक्रेन में भारतीय अधिकारियों की तीन टीम द्वारा चौबीस घंटे की जमीनी कार्रवाई ने सूमी शहर से छात्रों को सुरक्षित बाहर निकालना संभव हुआ। अभियान से अवगत लोगों ने बुधवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि युद्धग्रस्त यूक्रेन के उत्तर पूर्वी शहर से अपने लगभग 600 छात्रों को निकालने के लिए यह भारत के ‘‘कठिन और जटिल'' मिशन के तीन मुख्य घटक थे। 

रूस और यूक्रेन द्वारा गोलाबारी और बमबारी को रोकने तथा छात्रों की निकासी के लिए सुरक्षित मार्ग सुनिश्चित करने के लिए एक मानवीय गलियारा बनाने के भारत के अनुरोध पर ध्यान देने के बाद मंगलवार को भारतीय छात्रों को सूमी से बाहर निकाला गया।

शहर से छात्रों को निकालने के लिए एक नियोजित अभियान को सोमवार को तब रद्द करना पड़ा था, जब यूक्रेन की ओर से कहा गया कि वह पहले से सहमत संघर्ष विराम का पालन नहीं करेगा। यूक्रेनी पक्ष द्वारा संदेश के बाद रूसी सैनिकों से भी इसी तरह का संदेश मिला। उन्होंने कहा कि कुछ छात्रों के बसों में सवार होने के कारण निकासी को रोकना एक कठिन निर्णय था। हालांकि, सोमवार देर रात यूक्रेन के अधिकारियों की ओर से मंजूरी का संदेश आया कि वे अगले दिन भारतीय छात्रों को निकालने के लिए सभी आवश्यक सहायता प्रदान करेंगे। 

एक सूत्र ने कहा, ‘‘हमें सुरक्षा का आश्वासन दिया गया था। लेकिन फिर भी, हमारी टीम ने रात भर स्थिति पर नजर रखी। बसों का काफिला सुबह आठ बजे सूमी पहुंचा, छात्रों को सवार किया गया और सुबह नौ बजे वे शहर से बाहर चले गए।'' 

उन्होंने कहा कि जब तक छात्र पोल्तावा शहर के रास्ते में एक निर्धारित स्थान पर नहीं पहुंच गए, तब तक भारतीय अधिकारियों के लिए काफी तनाव की स्थिति थी। छात्रों को पोल्तावा शहर ले जाया गया, जहां से वे ल्वीव और फिर पोलैंड गए। घटनाक्रम से अवगत सूत्रों ने कहा कि मोदी की रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के साथ फोन पर हुई बातचीत ने निकासी मिशन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। सूत्रों ने कहा कि बांग्लादेश और ट्यूनीशिया सहित कई देशों के कम से कम 15 छात्र भारत के प्रयासों के कारण भारतीय काफिले में सूमी से बाहर आ पाए। 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Pardeep

Recommended News

Related News