RAISE 2020: PM मोदी ने कहा- भारत बने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का वैश्विक केंद्र

punjabkesari.in Monday, Oct 05, 2020 - 09:12 PM (IST)

नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) पर पांच दिवसीय वैश्विक वर्चुअल शिखर सम्मेलन का उद्घाटन किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर चर्चा को प्रोत्साहित करने के लिए यह एक शानदार प्रयास है। उन्होंने कहा कि मनुष्यों के साथ एआई का टीमवर्क हमारे ग्रह के लिए चमत्कार कर सकती है।  वहीं, रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक मुकेश अंबानी ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के लिए डाटा रॉ मैटीरियल (कच्चा माल) की तरह है।

शिखर सम्मेलन के आयोजन को लेकर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आप सभी ने प्रौद्योगिकी और मानव सशक्तिकरण से संबंधित पहलुओं पर सही प्रकाश डाला है। बता दें कि सरकार की ओर से 'रिस्पांसिबल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस फॉर सोशल एंपावरमेंट' या RAISE 2020 का आयोजन उद्योग और शिक्षा के साथ साझेदारी में किया जा रहा है। इसका लक्ष्य स्वास्थ्य, शिक्षा और कृषि क्षेत्रों में सकारात्मक और प्रभावी परिवर्तन लाना है। 

एआई का सही इस्तेमाल बहुत जरूरी : मोदी
मोदी ने इस बात को बहुत अहम बताया कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का किस तरह से उपयोग किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित करना हम सबकी साझा जिम्मेदारी है कि एआई का किस तरह इस्तेमाल किया जा रहा है। एल्गोरिदम पारदर्शिता इस भरोसे को कायम करने की कुंजी है। जवाबदेही भी उतनी ही महत्वपूर्ण है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमें हर हालत में एआई के हथियारीकरण के खिलाफ दुनिया की सुरक्षा करनी है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मैं देखता हूं कि एआई कृषि, स्वास्थ्य सेवा और शिक्षा को सशक्त करने के साथ नई पीढ़ी का शहरी बुनियादी ढांचा तैयार करने, शहरों में ट्रैफिक जाम कम करने और सीवेज व्यवस्था को बेहतर बनाने जैसे कामों में भी बड़ा योगदान दे सकती है। उन्होंने कहा कि इसे हम अपने आपदा प्रबंधन व्यवस्था को और मजबूत करने के लिए भी इस्तेमाल कर सकते हैं। 

एआई प्रोजेक्ट्स पर काम कर रहे स्कूली छात्र
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमने इस साल अप्रैल में 'रिस्पॉन्सिबल एआई फॉर यूथ' कार्यक्रम की शुरुआत की। इसके तहत 11 हजार से ज्यादा स्कूली छात्रों ने बेसिक कोर्स को पूरा किया है। अब वह छात्र एआई प्रोजेक्ट्स पर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा टेक्नोलॉजी फोरम को आकार दिया जा रहा है। यह डिजिटल बुनियादी ढांचे, डिजिटल सामग्री और क्षमता को बढ़ावा देने के लिए एक ई-शिक्षा इकाई का निर्माण करेगा।

कार्यक्रम में मौजूद केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि हम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का स्वागत करते हैं कि क्योंकि इसमें विकास की बहुत संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि एआई का मतलब तभी सार्थक होगा जह यह सामान्य भारतीयों के जीवन की गुणवत्ता में एक उल्लेखनीय सुधार लाएगा। इसलिए, यदि डिजिटल भारतीय डिजिटल समावेश के लिए था, तो हम यह भी चाहते हैं कि एआई विकास के उस समावेशी चरित्र को और बढ़ावा दे।

रचनात्मकता और भावनाएं सबसे ताकतवर पक्ष
उन्होंने कहा कि जब हम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर बात करते हैं तो इस बात में कोई संदेह नहीं होना चाहिए कि मानवीय रचनात्मकता और मानवीय भावनाएं हमारे सबसे ताकतवर पक्ष हैं। ये मशीनों पर हमारे अनोखे लाभ हैं, जो हमें इंसान बनाते हैं और हमें मशीनों से अलग करते हैं। उन्होंने कहा महामारी के काल में दुनिया ने देखा है कि भारत की डिजिटल तैयारी कितनी मददगार साबित हुई है। 

RAISE 2020 का आयोजन अन्य क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवा, कृषि, शिक्षा और स्मार्ट गतिशीलता जैसे प्रमुख क्षेत्रों में सामाजिक सशक्तिकरण, समावेशन और परिवर्तन के लिए एआई का उपयोग करने के लिए विचारों का आदान-प्रदान करने और एक पाठ्यक्रम को पूरा करने के लिए किया जा रहा है। शिखर सम्मेलन में प्रमुख राय निर्माताओं, शिक्षाविदों और सरकार के प्रतिनिधियों से वैश्विक भागीदारी का आह्वान किया जाएगा।
 

 


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Pardeep

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